नियमितकरण की मांग को लेकर अनुदेशकों ने खोला मोर्चा

देवरिया 14 सितंबर : (डेस्क) वरिया के जूनियर हाईस्कूलों के अनुदेशकों ने की मांगों को लेकर प्रदर्शन बेसिक शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाएं देने की मांग जिलाध्यक्ष जय सिंह यादव के नेतृत्व में हुआ प्रदर्शन बीएसए को सौंपा 8 सूत्री मांगों का ज्ञापन

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देवरिया में जिले के जूनियर हाईस्कूलों में तैनात अनुदेशकों ने न्यूनतम वेतनमान और बेसिक शिक्षकों को मिलने वाली सुविधाओं की मांग को लेकर शुक्रवार को टाउन हाल में एकत्रित हुए। इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष जय सिंह यादव ने किया। अनुदेशकों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन तैयार किया और इसे बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को सौंपा।

अनुदेशकों ने अपनी आठ सूत्री मांगों के साथ बीएसए से मुलाकात की और जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा करने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें 29 सितंबर तक पूरी नहीं की गईं, तो वे 30 सितंबर को लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।

अनुदेशकों ने बीएसए शालिनी श्रीवास्तव को बताया कि वे लंबे समय से न्यूनतम वेतनमान और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि बेसिक शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वही सुविधाएं उन्हें भी मिलनी चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान अनुदेशकों ने एकजुटता दिखाई और अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

इस प्रदर्शन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि उन्हें अनुदेशकों की मांगों को गंभीरता से लेना होगा। अनुदेशकों का कहना है कि उनके काम का मूल्यांकन किया जाना चाहिए और उन्हें उचित वेतन और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।

इस मामले में बीएसए ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। हालांकि, अनुदेशकों ने कहा कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी आवाज उठाने की आवश्यकता है। अनुदेशकों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को उठाया है, जिससे यह संदेश जाता है कि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं।

अंततः, यह प्रदर्शन शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, यदि अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है। अनुदेशकों ने अपनी मांगों को लेकर जो दृढ़ता दिखाई है, वह अन्य कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकती है।