सीएम योगी का आदेश: 15 मई तक सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों की

लखनऊ 12 अगस्त:(डेस्क)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसमें उन्होंने सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को 15 मई तक अपनी परीक्षाएं पूरी करने का आदेश दिया है। इस आदेश का उद्देश्य शिक्षा की नियमितता को बनाए रखना और विद्यार्थियों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को कम करना है।

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सीएम योगी ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी शैक्षणिक संस्थान इस समय सीमा के भीतर अपनी परीक्षाएं आयोजित करें। इसके साथ ही, उन्होंने पाठ्यक्रम में भी कमी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका मानना है कि एक संक्षिप्त पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रबंधनीय होगा और इससे उनकी पढ़ाई में सुधार होगा।

इस दिशा में, सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करें। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी संबंधित संस्थान इस समय सीमा का पालन करें ताकि विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए पर्याप्त समय मिल सके और वे तनावमुक्त होकर अपनी तैयारी कर सकें।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। उनका लक्ष्य है कि अगले 10 वर्षों में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए। यह कदम न केवल शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होगा, बल्कि यह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।

सीएम ने यह निर्देश भी दिया कि परीक्षा के मॉडल में बदलाव किया जाए ताकि यह विद्यार्थियों के लिए अधिक अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणाली में सुधार से विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमता का आकलन किया जा सकेगा।

इस आदेश के पीछे की सोच यह है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को ज्ञान और कौशल से लैस करना है। इसलिए, पाठ्यक्रम में कमी लाने के साथ-साथ परीक्षा प्रणाली में सुधार भी आवश्यक है।

योगी सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल विद्यार्थियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।

इस प्रकार, सीएम योगी का यह निर्देश न केवल शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह विद्यार्थियों के लिए एक अवसर भी है कि वे अपनी पढ़ाई को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें और परीक्षा के तनाव को कम कर सकें। इस दिशा में उठाए गए कदमों से यह उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर और भी ऊंचा उठेगा।