रुपईडीह पीएचसी के निरीक्षण में डॉक्टर मिले न दवाएं

गोंडा 16 सितंबर : (डेस्क) कमिश्नर शशिभूषण लाल सुशील ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्र में कोई स्टाफ मौजूद नहीं था।

1000057223.jpg

गोंडा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है। जिला प्रशासन के कमिश्नर शशिभूषण लाल सुशील ने स्वयं इसका जायजा लिया और स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया।

शनिवार देर रात करीब दो बजे कमिश्नर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्रसव प्वाइंट रुपईडीह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर कमियां नजर आईं। अस्पताल परिसर में कोई भी चिकित्सा कर्मी मौजूद नहीं था, जबकि मरीजों की भीड़ लगी हुई थी।

कमिश्नर ने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को तत्काल मौके पर बुलाया और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। अक्सर ग्रामीण लोगों को अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपलब्धता, दवाइयों की कमी और अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

कमिश्नर के कड़े रुख से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई शुरू करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इस घटना से स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार के दावे खोखले हैं। जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं दयनीय हालत में हैं और मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कमिश्नर के कार्रवाई के बाद अब देखना यह होगा कि क्या स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं को सुधारने में कामयाब होता है।