नर्मदा प्रदूषण को रोकने देवबप्पा सेवा आश्रम में पहल

in #initiative7 months ago

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  • नर्मदा जयंती पर दोना, पत्तल का होगा उपयोग
  • नर्मदा प्रदूषण को रोकने देवबप्पा सेवा आश्रम में पहल
  • धूमधाम से मनाया जाएगा 06 वां माँ नर्मदा जन्मोत्सव पर्व
  • देवबप्पा सेवा आश्रम सुरंगदेवरी में नर्मदा जयंती पर होंगे विविध आयोजन

मंडला . नर्मदा जयंती भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। यह अमरकंटक में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि यह माँ नर्मदा का जन्म स्थान है। इसके अलावा यह पूरे मप्र में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माँ नर्मदा का जन्म हुआ था, इसलिए यह हर साल इस दिन माँ नर्मदा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भारत में 7 धार्मिक नदियाँ हैं उन्हीं में से माँ नर्मदा एक है। हिन्दू धर्म में इसका बहुत मह्त्व है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने देवताओं को उनके पाप धोने के लिए माँ नर्मदा को उत्पन्न किया था और इसलिए इसके पवित्र जल में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते है। नर्मदा महोत्सव को हिंदुओं द्वारा पर्व के रुप में मनाया जाता है। इस वर्ष नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी।

जानकारी अनुसार महिष्मती नगरी मंडला के पावन स्थल देवबप्पा सेवा आश्रम सुरंगदेवरी में प्रतिवर्ष श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर रघुनाथ दास जी महाराज फरसी वाले बाबा के सानिध्य में नर्मदा जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। इस वर्ष देवबप्पा सेवा आश्रम में नर्मदा जयंती का छटवां वर्ष है। आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि आश्रम में विगत छह वर्ष पहले माँ नर्मदा की प्रमिता स्थापना की गई थी। जिसके बाद प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती के अवसर पर यहां विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस वर्ष भी जयंती अवसर पर विविध धार्मिक कार्यक्रम किये जाएंगे। बता दे कि विगत पांच वर्षो से देवबप्पा आश्रम में माँ नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए पहल जारी है। यहां आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में साल भर पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित है, यहां दोना, पत्तल का उपयोग किया जा रहा है।
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बताया गया कि नर्मदा जयंती के एक दिन पूर्व से जयंती कार्यक्रम शुरू होंगे। नर्मदा जयंती पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम सिद्धेश्वरधाम के ललित नारायण मिश्रा की उपस्थिति में जयंती कार्यक्रम ओर पूजन किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत रूद्राभिषेक, माँ नर्मदा के सहस्त्र नामों का अभिषेक कर चुनरी अर्पण की जाएगी। इसके साथ भजन, कीर्तन चलता रहेगा। इसके साथ कन्या पूजन, कन्या भोज और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। शाम को दीप दान किया जाएगा।

  • प्रति माह होते है आयोजन :
    स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि आश्रम में प्रति माह पडऩे वाली अमावस्या और पूर्णिमा को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस दौरान भंडारा, कन्या भोजन कराया जाता है। इसके साथ साल भर पडऩे वाले सभी विशेष पर्वो में यहां धार्मिक अनुष्ठान किए जाते है। जिसमें गुरू पूर्णिमा, राम जन्मोत्सव पर्व, कृष्ण जन्मष्टमी समेत अन्य पर्वो में विशेष आयोजन किए जाते है। देव बप्पा आश्रम में परिक्रमावासियों, साधु, संतों के लिए भी व्यवस्था रहती है। यहां साल भर परिक्रमावासी, साधु, संतों का आना जाना लगा रहता है।

  • नर्मदा जयंती पर दोना, पत्तल का उपयोग करने की अपील :
    देव बप्पा आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने सभी मंडलावासियों से अपील की है कि माँ नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त करने इस बार नर्मदा जयंती पर दोना, पत्तो व आटे के दीपक से दीपदान करे। जिससे नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। महाराज जी का कहना है कि पत्तों व आटे से बने दीपक का उपयोग अपने दैनिक दिनचर्या में लाना आवश्यक है। जिससे नर्मदा नदी में प्लास्टिक बंद हो सके। बता दे कि हर साल नर्मदा जयंती पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालु दीपदान करने नर्मदा नदी पहुंचते है। विगत वर्षो से प्लास्टिक के दीपक का उपयोग काफी बढ़ गया है। श्रृद्धालु इन्हीं प्लास्टिक के बने दीपक का उपयोग नर्मदा नदी में आकर करते है। जिससे नदी में प्रदूषण होता है। इसी को देखते हुए स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने श्रृद्धालुओं से अपील की है कि दोना, पत्ते व आटे के बने दिये का उपयोग करें।

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