आखिर हजारों मील का सफर कैसे तय करते हैं ये प्रवासी परिंदें? जानें- इनके फ्लाई जोन के बारे में सबकुछ
Fly zone of migratory birds आखिर इन विदेशी परिंदों के अनजान देश के आवागमन का मार्ग क्या होता है। यह कैसे और किस तरह से इतना लंबा मार्ग आसानी से तय करते हैं। आज हम आपको पक्षियों के फ्लाई जोन के गूढ़ रहस्यों के बारे में बताएंगे।दुनिया में सिर्फ इंसान ही जिंदा रहने के लिए संघर्ष नहीं करता, बल्कि पशु पक्षियों के समक्ष भी यह संकट विद्यमान है। इस धरती पर 50 फीसद ऐसे परिंदें हैं, जो सदियों से एक देश से दूसरे देश में हजारों मील का सफर तय करके दाना-पानी की तलाश में आते जाते रहते हैं। हजारों सालों से ये रूस, मंगोलिया, चीन, अफ्रीका जैसे देशों से भारत में चार महीने के लिए रहने आते रहे हैं। उत्तरी गोलार्ध में जब अक्टूबर महीने में बर्फबारी होती है तो वहां से 90 फीसद परिंदें घर, वनस्पतियों या कीटों के खत्म होने के कारण दूसरे देशों का रुख करते हैं। भारत में इस वक्त नदी-जलाशय भरे रहते हैं। हरियाली होती है। ऐसे में सवाल उठता है किआखिर इन विदेशी परिंदों के अनजान देश के आवागमन का मार्ग क्या होता है? प्रवासी मेहमान कैसे और किस तरह से इतना लंबा मार्ग इतनी आसानी से तय करते हैं? आज हम आपको पक्षियों के फ्लाई जोन के गूढ़ रहस्यों के बारे में बताएंगे। इन्हीं मार्गों के सहारे ये प्रवासी हजारों मील की यात्रा आसानी से करते हैं।