नेपाल की जेल में बंद है बुजुर्ग माता-पिता का एक मात्र सहारा

in #india2 years ago

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मध्य प्रदेश गुना

गुना के डुंगासरा गांव में रहने वाला पर्वत सिंह साहू पड़ोसी मुल्क नेपाल की एक जेल में बंद है। एक सरहद पार स्थित काल कोठरी से अपने बेटे को वापस लाने के लिए उसकी बूढ़ी मां कभी कलेक्टर तो कभी एसपी की चौखट पर गुहार लगा रही है। पेशे से ट्रक ड्राइवर पर्वत सिंह के मालिक ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जैसे-तैसे एक बार नेपाल जाकर अपने पुत्र से मिल आया है, लेकिन वहां के कानून की पेंचीदिगियां कुछ ऐसी हैं कि जब तक एक मोटी रकम का इंतजाम नहीं होगा पर्वत सिंह जेल से बाहर नहीं छूटेगा। बता दें कि म्याना कस्बे के छोटे से गांव डुंगासरा में रहने वाला 36 वर्षीय पर्वत सिंह महूगढ़ा निवासी बृजेश लोधा का ट्रक चलाता है। फरवरी 2022 में पर्वत ट्रक लेकर नेपाल गया था, जहां एक दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद नेपाल पुलिस ने पर्वत को पकड़ लिया और तीन महीने से वह जेल में बंद है। पर्वत का परिवार जब नेपाल पहुंचा तो उन्हें बताया गया कि कानून के मुताबिक मृतक के परिजनों को मुआवजा देना पड़ेगा। यह भारतीय रूपयों में लगभग एक लाख रुपए से अधिक है। परिजनों ने ट्रक मालिक से गुहार लगाई तो उसने तमाम खर्च जोड़कर पर्वत के परिवार से ही दो लाख रुपए की मांग कर डाली। इसी बीच पर्वत के पिता कालूराम की तबियत खराब हो गई, जिसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरा परिवार कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। मंगलवार को गुना कलेक्टर ने परिजनों को एसपी ऑफिस भेज दिया। जहां से म्याना थाने में शिकायत दर्ज कराने की टीप लगा दी गई है। इस तरह पर्वत नेपाल की जेल में बंद है और उसके छोटे-छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध मां प्रशासन और पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं। पीड़ित दम्पत्ति की सहायता के लिए समाजसेवी आगे हैं और उनके बेटे को छुड़ाने के प्रयास शुरु कर दिए हैं। कांग्रेस के युवा नेता और समाजसेवी सीताराम साहू (पप्पू) ने बताया कि डुंगासरा निवासी राजबाई ने उन्हें अपनी परेशानी से अवगत कराया। उन्होंने निर्धारित प्रक्रिया के तहत परिजनों को कलेक्टर से मिलाया। जहां से पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेज दिया गया। अब पुलिस कार्रवाई की बात कह रही है। लेकिन पर्वत सिंह को लम्बा समय नेपाल की जेल में बिताना पड़ा है। अब भी वह सींखचों से बाहर नहीं आया है।

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