व्यापार घाटा जीडीपी का 8.5 फीसद रहने का अनुमान, लेकिन हालात वित्त वर्ष 2012-13 से बेहतर

in #india2 years ago

इकोरैप की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2012-13 में व्यापार घाटा जीडीपी का 10.7 फीसद तक चला गया। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार के मुताबिक बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 3.7 फीसद तक जा सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यापार घाटा रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन आर्थिक जानकार वर्तमान स्थिति को वित्त वर्ष 2012-13 से बेहतर बता रहे हैं। वित्त वर्ष 2012-13 में यूपीए की सरकार थी। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीने (अप्रैल-जुलाई) में व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और इस हिसाब से पूरे वित्त वर्ष में यह घाटा जीडीपी का 8.5 फीसद तक चला जाएगा। इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष का व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2012-13 के घाटे के मुकाबले कम रहेगा।इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2012-13 में व्यापार घाटा जीडीपी का 10.7 फीसद तक चला गया था। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष के मुताबिक बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 3.7 फीसद तक जा सकता है। एसबीआई ने पहले चालू खाते का घाटा जीडीपी के 3.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। पेट्रोलियम पदार्थ के निर्यात पर शुल्क लगाने से इस साल जुलाई महीने में निर्यात में कमी रही जबकि आयात में बढ़ोतरी जारी रही।04_08_2022-gdp_22954147.jpg