गार्गी कॉलेज: जलवायु परिवर्तन, जैव ईंधन पर रहा इंडिया ब्राजील युवा शिखर सम्मेलन

in #india2 years ago

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन का असर कुछ समय से हम सभी को झेलना पड़ रहा है. इसकी वजह से प्राकृतिक संकट आते हैं और साथ ही हमारा पारिस्थितिक तंत्र भी बिगड़ता जा रहा है. जीवन के सभी क्षेत्रों में इसका असर साफ़ दिखाई दे रहा है. 768-512-16467183-thumbnail-3x2-gargi.jpgलेकिन जैव ईधन के उपयोग के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है. दरअसल, जैव ईंधन को पर्यावरण के अनुकूल ईंधन माना जाता है जिसे कार्बन उत्सर्जन कम करने के मकसद इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस उद्देश्य को लेकर दिल्ली के गार्गी कॉलेज के सेमिनार हॉल में इंडिया ब्राजील युवा शिखर सम्मेलन (India Brazil Youth Summit) का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर डाटाग्रो के प्रेजिडेंट (President of Datagro), प्लिनिओ नस्तारी, भारत में ब्राजील दूतावास के सचिव डेनियल कोहलर, गार्गी कॉलेज की इकोनॉमिक्स एसोसिएशन की प्रेसिडेंट भूमिता यादव सहित अन्य मौजूद रहे.इंडिया ब्राजील युवा शिखर सम्मेलन में शामिल वक्ताओं ने कृषि क्षेत्र में सुधार, कार्बनीकरण में इथेनॉल और बायोडीजल पर विशेष जोर देने के साथ जैव ईंधन की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया. साथ ही कहा कि भारत के पास अपार संभावनाएं हैं जहां जैव ईंधन उत्पादन किया जा सकता है. भारत, ब्राजील के बाद गन्ने के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में खड़ा है. डाटाग्रो के प्रेजिडेंट, प्लिनिओ नस्तारी ने अपने फर्म का एक शोध प्रस्तुत किया, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया है कि 1 टन गन्ने को 1.2 बैरल कच्चे तेल में बदला जा सकता है.

युवा शिख सम्मेलन में इथेनॉल की प्रभावकारिता पर कहा गया कि यह निश्चित रूप से दोनों देशों को एक साथ लाने में एक बहुत ही सामंजस्यपूर्ण कारक है क्योंकि भारत और ब्राजील दोनों एक समान संस्कृति के लोकाचार साझा करते हैं.