महाराष्ट्र का पन्हाला किला, जिसे 'सांपों का किला' भी कहा जाता है, आखिर क्यों? जानें

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05ad2991c2543e1341004d7432a4458d_original.webpआप घूमने फिरने के शौकीन हैं और यदि आपको किसी रोमांचक जगह की तलाश है तो हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह, जहां घूमना आपके लिए एक शानदार अनुभव हो सकता है. इस बेहद खूबसूरत, प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज और बेदर रोमांचकारी जगह का नाम है पन्हाला किला. जी हां, यह खूबसूरत किला महाराष्ट्र में स्थित है. इस किले को सांपों का किला भी कहा जाता है.पन्हाला किला कोल्हापुर के मुख्य शहर से 20 किमी दूर स्थित है. यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और पूरे दक्कन क्षेत्र में सबसे बड़ा किला है. किले का निर्माण 1178-1209 के बीच शिलाहार शासक भोज द्वितीय द्वारा कराया गया था. ऐतिहासिक रूप से इस किले का काफी महत्व है क्योंकि यहां कई राजवंश जैसे यादवों आदिल शाहिस, बहामनी सुल्तानों आदि ने शासन किया. किलो को लेकर लोगों में यह भी मिथक है कि 1673 ईस्वीं में इस किले पर मराठा शौर्य शिवाजी महाराज ने भी शासन किया. कहा यह भी जाता है कि किले में सबसे ज्यादा समय शिवाजी महाराज ने ही बिताया था. हालांकि, उसके बाद इस किले पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया था. बताया जाता है कि यह किला 800 साल से भी ज्यादा पुराना है. पन्हाला किले से जुड़ एक रोचक पहलू ये है कि कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली कहावत यहीं से ली गयी. पन्हाला किले को पन्हाला, पहालगढ़ और पहाल वगैरह नामों से भी जाना जाता