7Project 75 I : पनडुब्बी के लिए भारत की आत्मनिर्भरता, जरूरत और मजबूरी

in #india2 years ago

प्रधानमंत्री के यूरोपीय यात्रा के दौरान खबर आयी की फ्रांस की नेवल ग्रुप कंपनी ने प्रोजेक्ट 75 आई से अपने हाथ पीछे खीच लिए हैं। इससे पहले रूस भी इस प्रोजेक्ट से हट चुका है।
प्रोजेक्ट 75 आई के तहत एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) से लैस 6 अत्याधुनिक डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी का निर्माण भारत में होना था। यह एक रणनीतिक साझेदारी पर आधारित एक प्रोजेक्ट है। मेक इन इंडिया के तहत मझगाव डॉक लिमिटेड (MDL) तथा लार्सन एंड टूब्रो(L&T) मिलकर पनडुब्बियों का निर्माण करेंगे।

AIP सिस्टम की मदद से डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी सामान्य पनडुब्बी के मुकाबले ज्यादा लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है। अगर AIP सिस्टम ना हो तो पनडुब्बी को कम समय की अवधि में ही वायु और ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए सतह पर आना पड़ता है।

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इस प्रोजेक्ट के तहत कोई एक विदेशी कंपनी अपनी तकनीक MDL तथा L &T को ट्रांसफर करेगी और पनडुब्बी का निर्माण भारत में होगा। रूस बनी बनाई पनडुब्बी भारत को पेश कर रहा है लेकिन इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को झटका लगेगा। वहीं फ्रांस की नेवल ग्रुप AIP सिस्टम के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं हो रहा है। वहीं जर्मन कंपनी को इस डील का बजट पर्याप्त नहीं लग रहा है।

फ्रांस की नेवल ग्रुप और MDL के मध्य 6 स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी के लिए तकनीकी हस्तानांतरण हुआ है और इन पनडुब्बियों का निर्माण भारत में MDL कर रहा है। अभी तक 4 पनडुब्बियां नौसेना को सौंपी जा चुकीं हैं और 2 का समुद्री परीक्षण चल रहा है। लेकिन इन पनडुब्बियों में AIP सिस्टम नहीं है।

डीआरडीओ कलवारी क्लास( स्कॉर्पियन क्लास) पनडुब्बियों के लिए AIP सिस्टम विकसित कर रहा है। अगर डीआरडीओ ये तकनीकी जल्द विकसित कर लेता है तो प्रोजेक्ट 75 आई में होने वाली देरी में कुछ कमी आएगी।

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