जन शिकायतों की सुनवाई के दौरान लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं, कि जनपद में ग्राम सभा की सुरक्षित श्रेणी की भूमि पर *अवैधानिक एवं कूट रचित* तरीके से लोगों द्वारा अभिलेखों में अपना नाम अंकित करा लिया गया है।इसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जिले की समस्त *6 तहसीलों में 1359 फसली की खतौनी* का आधार लेते हुए उसमें दर्ज सार्वजनिक उपयोग की भूमि तालाब, चारागाह, खलिहान आदि की वर्तमान अभिलेखों के आधार पर मिलान/ जाँच कराई जाए।
उक्त के सम्बंध में समस्त तहसीलों में अभियान चलाकर जांच कराई जा रही है, जिसमें *1 नवंबर 2022 को 41 ग्रामों की 68.703 हेक्टेयर लगभग 274 बीघा लागत लगभग रू 33.67 करोड़, 4 नवंबर 2022 को 22 ग्रामों की 62.941 हेक्टेयर लगभग 245 बीघा लागत लगभग रू 25.14 करोड़, 10 नवंबर 2022 को 15 ग्रामों की 17.745 हेक्टेयर लगभग 69 बीघा लागत लगभग रू 2.61करोड़ तथा 17 नवंबर 2022 को 5 ग्रामों की 20.0830 हेक्टेयर लगभग 78 बीघा लागत लगभग रू 12.96 करोड़* अब तक कुल *83 ग्रामों की 168.472 हेक्टेयर लगभग 666 बीघा लागत लगभग रू 74.38 करोड़* सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अवैधानिक एवं कूट रचित तरीके से दर्ज कराए गए व्यक्तियों के नाम निरस्त कर पशुचर, तालाब, चारागाह, खाद गड्ढा आदि का नाम अंकित कराया गया है।जिलाधिकारी महोदया द्वारा सभी उपजिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यह अभियान सख्ती से लगातार चलाया जाए।
👍