मोदी सरकार क्या चीनी निवेश को लेकर हुई नरम? मिलने लगी मंज़ूरी

in #india2 years ago

_126027718_8d5e7b9c-d627-4817-aced-6dd7ef5ffd90.jpg.webp

पिछले दो सालों में भारत में सीमावर्ती देशों से आए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ़डीआई) के 80 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई है. भारत में निवेश के इनमें से अधिकतर प्रस्ताव चीन से आए हैं.

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) से सूचना के अधिकार के तहत मिले आंकड़ों के आधार पर ये रिपोर्ट दी है.

अख़बार लिखता है कि घाटे में चल रहीं भारतीय कंपनियों पर चीनी कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए और कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक स्थिति का फ़ायदा उठाने की आशंका के चलते भारत सरकार ने 18 अप्रैल, 2020 को एफ़डीआई नीति में बदलाव किया था.

इस बदलाव के तहत सीमावर्ती देशों के भारत में निवेश के लिए सरकार की अनुमति को अनिवार्य बना दिया गया था. इससे पहले, इनमें से कुछ प्रस्ताव कम महत्व वाले क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट से पास किए जा सकते थे.

इस फ़ैसले के साथ ही पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 में भारत और चीन के बीच गतिरोध की स्थिति बन गई थी जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया था. 15 जून 2020 को चीन के साथ टकराव में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी.