President Ram Nath Kovind: रामनाथ कोविंद आज बतौर राष्ट्रपति देश को आखिरी बार करेंगे संबोधित,

in #india2 years ago

नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द (President Ram Nath Kovind) आज देश को शाम 7 बजे संबोधित करेंगे। बतौर राष्ट्रपति कोविन्द का यह आखिरी संबोधन होगा। सोमवार को द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) उनकी जगह लेंगी। इससे पहले बीते दिन कोविन्द के लिए संसद के सेंट्रल हाल में विदाई समारोह हुआ। समारोह में राष्ट्रपति ने सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिए काम करने की नसीहत दी। इसी के साथ सेंट्रल हाल में विदाई लेने वाले कोविन्द देश के आखिरी राष्ट्रपति भी बन गए। ऐसा इसलिए क्योंकि जल्द ही संसद भवन की जगह सेंट्रल विस्टा लेने वाला है।

सांसदों को गांदीवाद के रस्ते चलने की हिदायत
बीते दिन सेंट्रल हाल में हुए विदाई समारोह को कोविन्द ने संबोधित भी किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सांसदों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए किसी भी चीज का विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए उन्हें गांधीवाद का रास्ता ही चुनना होगा। उन्होंने कहा कि सभी को देश के हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने इसके बाद देश के लोगों का भी आभार व्यक्त किया।

सोमवार को मुर्मू लेंगी राष्ट्रपति पद की शपथ
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराने के बाद द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को भारत की अगली राष्ट्रपति चुनी गईं। वह सोमवार को संसद के सेंट्रल हाल में शपथ लेंगी। 64 वर्षीय मुर्मू ने 64 प्रतिशत से अधिक मतों के साथ भारी अंतर से जीत हासिल की। वह देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए रामनाथ कोविन्द की जगह लेंगी।

मुर्मू दूसरी महिला राष्ट्रपति चुनी गईं

मुर्मू आदिवासी पृष्ठभूमि से पद संभालने वाले पहले व्यक्ति होंगी। 64 वर्षीय मुर्मू इस भूमिका को संभालने वाली दूसरी महिला बनेंगी। प्रतिभा पाटिल के बाद मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला होंगी। ओडिशा की संथाल जनजाति से ताल्लुक रखने वाली वह राज्य के मयूरभंज क्षेत्र की रहने वाली हैं। उन्होंने एक शिक्षिका के रूप में शुरुआत की और फिर राजनीति में प्रवेश करने से पहले सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक बन गईं। उन्होंने ओडिशा में बीजद-भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया और मत्स्य पालन, पशु संसाधन विकास, वाणिज्य और परिवहन विभागों को संभाला। वर्षों बाद, वह 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल बनीं, ऐसा करने वाली भी वह पहली आदिवासी महिला हैं।Screenshot_2022-07-24-08-15-00-95_6ee1490f6338a5d500212cdd6f65b6c2.jpg