आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आगरा का शिवाजी चौक, बिजलीघर चौराहा एक तिरंगे के लिए तरसा

in #independent2 years ago (edited)

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प्रदीप कुमार रावत
आगरा। आज पूरा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ बना रहा है। इस पावन पर्व को हर ख़ास ओ आम अपने ही अंदाज में मना रहा है। भारत सरकार ने इसे अमृत महोत्सव का नाम दिया है। अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर गली हर मोहल्ले हर चौराहे पर
राष्ट्रीय गीत लोगों में जोश भरने का काम कर रहे हैं।

वही ताजनगरी आगरा का प्रमुख बिजली घर चौराहा स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर एक राष्ट्रीय ध्वज के लिए तरस गया। ताजनगरी आगरा के लिए यह बड़े दुख का विषय है कि जिन तमाम क्रांतिकारियों और स्वाधीनता आंदोलनकारियों ने आजादी के तराने गाते हुए खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया और देश को आजादी दिलाई आज उसी शहर में एक प्रमुख चौराहा राष्ट्रीय ध्वज के लिए तरस गया इस चौराहे की विशेषता है यह चौराहा आगरा किले की सामने बना हुआ है। यही नहीं चौराहे के ठीक सामने पुलिस चौकी भी मौजूद है। बावजूद इसके पूरे चौराहे पर एक राष्ट्रीय ध्वज नहीं दिखाई दिया। जहां आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे शहर में साफ सफाई की गई है,वहीं बिजलीघर चौराहे पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। दुखद यह है कि चौराहे के बीचो-बीच छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित है... और देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर छत्रपति शिवाजी महाराज के गले में एक छोटी सी माला तक नहीं है।
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दुखद यह है कि शहर के महापौर नवीन जैन से जब इस मामले में बातचीत की गई तो इसे उन्होंने अपना पल्ला झाड़ दिया और कहां की यह जिम्मेदारी बाजार कमेटी की है बाजार कमेटी को देखना चाहिए कि इस पावन पर्व पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण क्यों नहीं किया और तिरंगा क्यों नहीं लगाया।। जब हमारे जिम्मेदार प्रतिनिधि ही इस तरह का बयान दें तो समझा जा सकता है हालात इतने भयावह हो चुके हैं। क्या हम वाकई में आज आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं... जिन महान सपूतों ने देश को आजाद कराने के लिए अपनी आहुतियां आज उनकी प्रतिमा पर एक माला तक नहीं है और ना ही कोई राष्ट्रीय ध्वज मौजूद है।। आज के दिन इससे अधिक दुखद घटना कोई हो नहीं सकती।।