आरोप गलत हैं

in #in2 years ago

इंदौर केअरिहंत अस्पताल के आइसीयू में भर्ती 50 वर्षीय मरीज की मौत के बाद स्वजन ने हंगामा किया। आरोप है कि आइसीयू में भर्ती होने के बावजूद मरीज को तुरंत राधा-कृष्ण कांप्लेक्स फूटी कोठी निवासी मनोज डांगी तीन दिन पहले दुर्घटना में घायल हो गए थे। उन्हें पैर के आपरेशन के लिए सोमवार शाम अरिहंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आपरेशन मंगलवार सुबह होना था। स्वजन के अनुसार, मरीज के भर्ती होने के कुछ देर बाद ही दिल की धड़कन कम होने लगी थी। आइसीयू में कोई योग्य डाक्टर नहीं था। स्वजन ने काउंटर से नंबर लेकर एक डाक्टर को फोन किया तो उन्होंने स्वजन को डपट दिया और कहा कि सीधे फोन मत लगाओ। इधर, मरीज की हालत बिगड़ती गई। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। स्वजन ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगमा भी किया। मरीज के बेटे कुणाल ने आरोप लगाया कि आइसीयू में कोई जिम्मेदार डाक्टर होता तो जान बच जाती। पैर का इलाज होना था। धड़कन कम क्यों हुई, यह बताने वाला कोई नहीं था।

आरोप गलत हैं - इस संबंध में अरिहंत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय राठौर ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि वाशरूम से आने के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ी थी। उसे तुरंत आइसीयू में भर्ती किया गया था। वहां डाक्टर और प्रशिक्षित कर्मचारी मौजूद थे। मरीज को तुरंत सीपीआर भी दिया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। हमने मरीज के स्वजन से कहा था कि वे शव का पोस्टमार्टम करवा लें तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी लेकिन वे इसके लिए तैयार नहींहुए