"सरयू और शारदा नदियों का कहर: 60 बीघा खेत और एक मकान नदी में समाए"

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सीतापुर 13 अगस्त: (डेस्क)रामपुर मथुरा/तंबौर। उत्तर प्रदेश में सरयू और शारदा नदियों ने तबाही मचा दी है। इन नदियों की बेकाबू लहरें कई खेतों और मकानों को अपने साथ बहा ले गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है।

tabra-ka-kalhaaa-parava-ma-katana-karata-natha-savatha_5255ff5653e3a4c84ec431d7bc1c32e2.jpegImage credit : Amar Ujala

नदियों का कहर

रविवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण सरयू और शारदा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। इस बाढ़ के कारण शंकरपुरवा में एक मकान पूरी तरह से सरयू नदी में समा गया। इसके अलावा, परमगोंडा में तीन और कोल्हुआपुरवा में 11 घर लहरों के निशाने पर हैं। स्थानीय लोग अपने आशियानों को खुद ही तोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

खेतों का नुकसान

बाढ़ ने करीब 60 बीघा खेतों को भी निगल लिया है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ेगा। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, और किसानों को अब नुकसान की भरपाई की चिंता सता रही है।

जलस्तर की स्थिति

सरयू नदी का जलस्तर सोमवार को 118.30 मीटर दर्ज किया गया, जो रविवार की तुलना में 10 सेंटीमीटर अधिक है। इस वृद्धि ने स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। उधर, बैराजों से 3 लाख 92 हजार 264 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है।

प्रशासन की तैयारी

स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। बचाव दलों को सक्रिय किया गया है, और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और बाढ़ के पानी से दूर रहें।

स्थानीय लोगों की स्थिति

स्थानीय लोगों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। बाढ़ के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं, और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। लोग अपने सामान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लहरों की तेज़ी के आगे उनकी मेहनत बेकार साबित हो रही है।