37 साल पहले जिला अस्पताल को शिफ्ट करने का प्रस्ताव, मरीज आज भी झेल रहे हैं परेशानियाँ

बरेली 15 सितम्बरः(डेस्क)बरेली में स्थित जिला अस्पताल को शिफ्ट करने की जरूरत कई दशक पहले महसूस की गई थी। वर्ष 1987 में बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने इसे स्टेडियम रोड पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव बनाया था। हालांकि, उस समय कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।

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कांग्रेस का आरोप था कि अस्पताल को शिफ्ट करने से गरीबों के लिए सरकारी सुविधा का लाभ महंगा हो जाएगा, जबकि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए अस्पताल की जगह व्यावसायिक काॅम्प्लेक्स बनाया जाएगा। इस विरोध की खबर 16 जुलाई 1987 को अमर उजाला में प्रकाशित हुई थी।

नगर युवक कांग्रेस-ई के अध्यक्ष मो. जकी ने जिला अस्पताल को स्थानांतरित करने और उसकी जगह व्यावसायिक काॅम्प्लेक्स बनाने के बरेली विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव पर रोष जताया था। उन्होंने इसे अधिकारियों के भ्रष्ट दिमाग की उपज तक करार दे दिया था। नगर महापालिका कर्मचारी सहकारी आवासीय समिति के अध्यक्ष हफीज खां ने भी विरोध जताया था।

स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास उदयपुर खास में स्थित महापालिका की 40 एकड़ जमीन पर अस्पताल को शिफ्ट करने के प्रस्ताव को गलत बताते हुए हफीज खां ने कहा था कि उक्त जमीन पर महापालिका कर्मियों के लिए आवास बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।

अस्पताल को शिफ्ट करने का मुख्य उद्देश्य था कि शहर के घने बाजार में स्थित जिला अस्पताल को एक बेहतर और व्यवस्थित स्थान पर ले जाया जाए। वर्तमान में, अस्पताल के चारों ओर बाजार और जाम है, जो आवागमन में बाधा पैदा करता है।

हालांकि, 37 साल बीत जाने के बाद भी अस्पताल को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। अब भी मरीज अस्पताल तक पहुंचने में परेशानी का सामना करते हैं। सड़कों पर लगातार जाम और अव्यवस्था से मरीजों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

प्रशासन ने कई बार अस्पताल को शिफ्ट करने की कोशिश की, लेकिन हर बार कुछ न कुछ आपत्ति आ जाती है। कभी जमीन का मुद्दा तो कभी बजट का अभाव। लेकिन मरीजों को इन सब से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो बस अस्पताल तक पहुंचने की सुविधा चाहिए।

अब प्रशासन को इस पुराने मामले पर गंभीरता से विचार करना होगा और मरीजों की परेशानियों को देखते हुए जल्द से जल्द अस्पताल को शिफ्ट करने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि 37 साल पहले की परेशानियां अब भी कायम हैं और मरीज इन्हीं को झेल रहे हैं।