आजमगढ़ में मरीज की मौत के बाद अस्पताल में उपद्रव: देर रात तक सड़क जाम कर हुआ प्रदर्शन,

आजमगढ़ 12 सितम्बरः(डेस्क)आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के ग्लोबल अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों और रिश्तेदारों ने हंगामा किया। यह घटना बुधवार को हुई जब अस्पताल में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया गया था।

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परिजनों का कहना था कि अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज को उचित देखभाल नहीं मिली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें मरीज की स्थिति के बारे में सही जानकारी नहीं दी। हंगामे के दौरान परिजनों ने अस्पताल के अधिकारियों से जवाब मांगा और उनकी मांग थी कि अस्पताल प्रशासन को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।

परिवार के सदस्यों ने अस्पताल के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और लापरवाही के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि समय पर उचित चिकित्सा सुविधा मिलती, तो शायद मरीज की जान बचाई जा सकती थी।

ग्लोबल अस्पताल के बाहर जमा हुए लोगों ने प्रशासन से मांग की कि वे इस मामले की जांच करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की देखभाल की व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

अस्पताल प्रशासन ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वे इस घटना की जांच कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस भी इस मामले में शामिल हो गई है और परिजनों से
बयान ले रही है।

यह घटना आजमगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है। कई लोगों का कहना है कि जिले के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी है और उन्हें बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।

ग्लोबल अस्पताल में हुई इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। लोग अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या अस्पताल में इलाज कराना सुरक्षित है।

यह घटना एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। लोगों ने मांग की है कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और अस्पतालों की जांच करनी चाहिए ताकि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस घटना के बाद, आजमगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा शुरू हो गई है। कई नागरिक संगठनों ने इस मामले को उठाया है और सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

अंत में, यह स्पष्ट है कि इस तरह की घटनाएं केवल एक मरीज की मौत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करती हैं। लोगों को चाहिए कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।