हिंदूवादी नेता के हिंदू भीड़ के लिए संदेश!

in #hindu2 years ago

धार्मिक जुलूस में मचलते हजारों हिंदू युवा क्या सिर्फ दिशाहीन भीड़ होते हैं जो प्रतिकार करना बिल्कुल नहीं जानते, वर्तमान घटनाओं से यह स्पष्ट है कि मुस्लिम मोहल्लों में पूर्व में घटित इस तरह की घटनाओं से सीख न लेते हुए धार्मिक यात्राओं में जमा हज़ारो हिंदू कुछ सौ मुस्लिमों की पत्थरबाजी से तुरंत भाग खड़े होते हैं, उसके बाद बस प्रशासन का मुंह ताकते हैं। जब तक प्रतिकार करना नहीं सीखोगे जिहादी हिंसा रुकने वाली नहीं है।IMG-20220417-WA0106.jpg

मुस्लिमों की भीड़ को पता है कि उन्हें कब किस वक्त क्या करना है और किस प्रकार करना है परंतु हिंदू भीड़ तो बनना सीख रहे हैं पर भीड़ को करना क्या होता है वह भी खासकर तब जब जिहादी उन पर अचानक आगमन कर दे, यह अब हमें सब हिंदुओं को सिखाना होगा।
वर्तमान में दर्जनों स्थानों पर धार्मिक जुलूस पर मुस्लिमों द्वारा की गई अचानक हिंसात्मक घटनाओं को देखते हुए सब समझ में आ रहा है कि हम हजारों की संख्या में जुलूस के साथ तो हो लेते हैं, मचलते हैं, कूदते हैं, धार्मिक के नारे लगाते हैं परंतु इस भीड़ को हिंसा पर उतारू जिहादियों को कैसे जवाब देना है यह बिल्कुल नहीं आता।

भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता, वह कुछ भी कर सकती है परंतु हम कानून का और सरकारों का मुंह ताकना लगते हैं जो कुछ तय नियम कायदे कानूनों से ही कार्य करते हैं। भीड़ के रूप में हिंसा करके जिहादी अपने मंसूबे पूरे कर जाते हैं और दो चार प्रतिशत की ही गिरफ्तारियां होती है जो बाद में कमजोर कानूनी प्रक्रिया के चलते छूट भी जाते हैं। जिहादियों को उनके किए की बहुत छोटी सजा मिलती है जिसके बाद वे मिलकर अपने गिरफ्तार हुए गुर्गों को जेल से छुड़ाकर नई हिंसा की योजना तैयार कर लेते हैं।

आज हिंदू जागरूक हो रहा है कृपया जिम्मेदार सनातनीयों और हिंदूवादी संगठनों के नेताओं से यह प्रार्थना है कि हिंदुओं की भीड़ को ट्रेंड करिए। उन्हें किस वक्त क्या करना है यह सिखाइए। प्रतिकार करने की क्षमता से सराबोर करिए, अपनी योद्धा संस्कृति को उनके रोम रोम में घोलकर उन्हें संहारक की भूमिका में लाना ही होगा अन्यथा हमारे महान पूर्वजों द्वारा हजारों वर्षों से बनाई गई महान सभ्यता संस्कृति कट्टर इस्लाम के द्वारा नष्ट कर दी जाएगी। कानून संविधान या सरकारें ज्यादा समय तक इस्लामी आक्रमण को नहीं रोक सकते हैं जब तक जनता ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए खड़ी ना हो जाए और कमजोर कानूनों को खत्म न करा दे।