प्रतिष्ठित बाल साहित्यकारों का बच्चों से सीधा संवाद

in #hindikigoonj2 months ago

दिल्ली, देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था 'हिंदी की गूंज'के द्वारा आयोजित बाल साहित्य को समर्पित कार्यक्रम "बदलते परिवेश में बाल कहानी बच्चों के कितने पास कितने दूर" का आयोजन आभासी पटल के माध्यम से रविवारकी शाम को आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकारों की कहानियों पर बच्चों के साथ सीधा संवाद करवाया गया। संस्था के संरक्षक गिरीश चन्द्र जोशी ने पटल पर उपस्थित समस्त विद्वतजनों का स्वागत किया।कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्था के संयोजक एवं सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार नरेंद्र सिंह "नीहार" ने किया। सर्वप्रथम चेन्नई से जुड़ी कहानीकार रोचिका अरुण शर्मा ने अपनी कहानी "मुसीबत भारी पर दोस्ती से हारी" सुना कर सच्ची दोस्ती का महत्व बताया तो वहीं डॉ मोहम्मद साजिद खान ने अपनी कहानी "इंद्रधनुष पर चंबा" के माध्यम से एक नन्ही तितली के आसमान की ऊंचाइयों तक जानेऔर इंद्रधनुष से मिलने की कहानी को बड़े खूबसूरत‌ अंदाज़ में बयां किया। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार पवन चौहान ने अपनी कहानी 'बाय-बाय चीटियों' के माध्यम से भोजन की स्वस्थ आदतों, जीवों के प्रति लगाव और परिश्रम का संदेश दिया। नीदरलैंड से जुड़ी डॉ ऋतु शर्मा ननंन पांडेय ने अपनी कहानी "फीवी और बेला" के माध्यम से खरगोश के बारे में बहुत सारी रोचक जानकारियां देकर पालतू जानवरों के प्रति संवेदनशीलता जगाई. कार्यक्रम के अध्यक्ष,सुप्रसिद्ध अख़बार जनसत्ता के संपादक तथा बाल साहित्य के मूर्धन्य विद्वान डॉ.सूर्यनाथ सिंह ने अपनी कहानी "अभिलाषा की अभिलाषा" सुनाकर किताबें और सपनों की दुनिया की सैर कराई साथ ही साथ उन्होंने कहा कि बच्चों से सीधे जुड़ना बहुत जरूरी है और हिंदी की गूँज संस्था यह दायित्व बखूबी निभा रही है,जो सराहनीय है । उन्होंने सभी की प्रशंसा करते हुए बच्चों को कहानी लिखने के तरीके सिखाये तथा सभी को आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर बाल मंडली में देश के कोने-कोने से बच्चे जुड़े और सभी ने बड़े उत्साह के साथ कहानियों को सुना और कहानियों से संबंधित सवाल- जवाब किया जिनमें चरिताक्षी नूनीवाल ( नई दिल्ली), अंशुमान शर्मा (रांची), आराध्या गुप्ता (गुजरात),अमय मिश्रा(नई दिल्ली), राम कुमार पांडे ( नई दिल्ली) , अनुप्रिया चौहान, लक्षिता रतूड़ी, मनस्वी आदि ने अपनी भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के अंत में संस्था के संगठन सचिव खेमेन्द्र सिंह चंद्रावत जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में जुड़े संस्था के सदस्यों में गिरीश चंद्र जोशी, निर्मला जोशी, तरुणा पुंडीर, प्रमोद चौहान, डॉ वर्षा सिंह, डॉ ममता श्रीवास्तव, उर्मिला रौतेला,ललित शौर्य, विमला रस्तोगी, समीर गांगुली , डॉ. नागेश पांडेय संजय, डॉ संजय कुमार सिंह, लौह कुमार,अर्चना सिंह आदि ने अपने संदेशों के माध्यम से कार्यक्रम में भागीदारी दर्ज कराई तो वही लेखन के बहुत सारे गुर भी सीखें।

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