विवाहिता ने आंचल फैलाकर मांगी मदद, गुलाबी गैंग की महिलाओं ने किया चंदा,
Report kaushlendra rathore
महोबा में पति और ससुरालियों की प्रताड़ना झेल रही एक विवाहिता की मदद के लिए गुलाबी गैंग प्रदर्शन करते हुए चंदा इकट्ठा कर रही है। पीड़िता ने गुलाबी गैंग संगठन के सामने जब मदद के लिए आँचल बढ़ाया तो सभी ने उसके लिए चन्दा इकट्ठा किया है। हक की लड़ाई में न्याय की गुहार लगा रही विवाहिता गुलाबी गैंग का स्नेह और साथ पाकर रोने लगी तो वहीं गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपत पाल उसकी पीड़ा से भावुक हो गई।
महोबा में न्याय पाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगा रही विवाहिता को गुलाबी गैंग का साथ मिला है। गुलाबी गैंग की महिलाओं के सामने अपना आँचल फैलाकर महिला ने मदद की गुहार लगाई तो महिलाओं ने भी उसके दर्द को समझते हुए उसके आँचल में पैसा डालकर चंदा इकट्ठा किया है। एसडीएम की चौखट पर गुलाबी गैंग की महिलाओं के साथ मायूस खड़ी भटीपुरा निवासी लक्ष्मी वर्मा है। लक्ष्मी का पति जितेंद्र वर्मा किसी और युवती को लेकर फरार हो गया तो ससुरालीजनों उसे घर से ही बेदखल करने की साजिश कर डाली। पीड़िता के साथ आये दिन मारपीट होने लगी। यहीं नही उसके हिस्से की संपत्ति में कब्जा काट उसे बेघर तक कर दिया गया लेकिन अब पीड़ित विवाहिता की मदद के लिए गुलाबी गैंग आगे आ गई है। गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपतपाल के नेतृत्व में महिलाओं ने एसडीएम की चौखट पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया है। यहीं नही महिला की मदद के लिए गैंग की बुंदेलखंड कमांडर फरीदा बेगम की अगुवाई में महिलाओं ने चंदा इकट्ठा करते हुए उसकी लड़ाई लड़ने की बात कही। गुलाबी गैंग की महिलाओं का स्नेह और साथ पाकर महिला रोने लगी वह बताती है कि उसके पति ने उसे धोखा दिया और वह अपने दो बच्चों की परवरिश को लेकर चिंतित है और न्याय चाहती है।
महिला को रोते देख गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपतपाल भी भावुक हो गई और रोने लगी। उन्होंने कहा कि महिला के न्याय की लड़ाई तब तक लड़ी जायेगी जब तक उसे उसका हक नही मिल जाता। आज महिलाओं ने उसके लिए चन्दा किया है जरूरत पड़ी तो महिलाएं धरने पर भी बैठेगी। गुलाबी गैंग की महिलाओं ने लक्ष्मी के संघर्ष में न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखने की बात कही है। गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपत पाल ने शहर कोतवाली पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शहर कोतवाली पुलिस आरोपियों का ही पक्ष ले रही है जबकि पीड़िता दाने-दाने के लिए मोहताज है और मजदूरी कर अपने दो बच्चों को पाल रही है ऐसे में उसका अधिकार न मिलना जहां एक और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है वही महिला अधिकार की बात करने वाली सरकार की मंशा पर सवाल खड़े