यौन शोषण मामले में आज सुनवाई
गोंडा 12 सितंबर : (डेस्क) WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों की सुनवाई आज होगी।कोर्ट में महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए जाएंगे, जो आरोपों का समर्थन करेंगे।सुनवाई के दौरान पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
बृजभूषण शरण सिंह, जो कि Wrestling Federation of India (WFI) के पूर्व अध्यक्ष हैं, पर लगे महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों के मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को होने जा रही है। इस मामले में छह महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें यौन शोषण, महिलाओं की इज्जत को ठेस पहुंचाने और आपराधिक धमकी शामिल हैं।
सुनवाई का महत्व
इस सुनवाई के दौरान, महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए जाएंगे, जो आरोपों को समर्थन देंगे। यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने पहले ही चार्जेस फ्रेम कर दिए हैं। इन चार्जेस में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 354 (महिला की इज्जत को ठेस पहुंचाना), 354A (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं।
बृजभूषण की स्थिति
सुनवाई के दौरान, पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें न्यायालय में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। बृजभूषण ने पहले कहा था कि जब तक आरोप साबित नहीं होते, तब तक वह खुद को दोषी नहीं मानेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 22 गवाहों के बयान शामिल हैं। पुलिस ने यह भी बताया है कि मामले की जांच के दौरान कई पहलवानों, रेफरी, कोच और फिजियोथेरेपिस्ट के बयान लिए गए हैं।
समाज पर प्रभाव
इस मामले ने न केवल खेल जगत में हलचल पैदा की है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर भी जागरूकता बढ़ा रहा है। महिला पहलवानों के साहसिक कदम ने अन्य महिलाओं को भी अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है।
निष्कर्ष
बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की सुनवाई का परिणाम न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह सुनवाई यह तय करेगी कि क्या बृजभूषण को न्यायालय में अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना करना पड़ेगा या नहीं। इस मामले की सुनवाई से यह भी स्पष्ट होगा कि समाज में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।