विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बनी चार दवाओं के इस्तेमाल को लेकर जारी की चेतावनी

in #health2 years ago

IMG-20221007-WA0004.jpgअफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारतीय कंपनी की बनाई चार दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है। बुखार, जुकाम और खांसी की इन दवाओं के नाम प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समलिन बेबी कफ सिरप, मेकॉफ बेबी कफ सिरस और माग्रिप एन कोल्ड सिरप हैं और हरियाणा स्थित मेडन फार्मास्यूटिकल नामक कंपनी इनका उत्पादन करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों से इन दवाओं का इस्तेमाल न करने की अपील की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि लैब टेस्ट में इन चारों उत्पादों के सैंपल में डायथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। अभी तक केवल गांबिया में इन उत्पादों की पहचान हुई है, लेकिन ये अन्य देशों और क्षेत्रों में भी पाए जा सकते हैं। संगठन के प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम ग्रैबेयसस ने पत्रकारों को बताया कि इन चारों दवाएं किडनी को नुकसान पहुंचाने और गांबिया में 66 बच्चों की मौत से जुड़ी हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम भारतीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बताया गया है कि डायथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाईकोल की ज्यादा मात्रा पेट दर्द, उल्टी आना, दस्त लगना, पेशाब करने में परेशानी, सिरदर्द और किडनी की बीमारियों का कारण बन सकती हैं। ये दवाएं असुरक्षित हैं और खास तौर पर बच्चों में इनका इस्तेमाल गंभीर बीमारी और मौत तक की वजह बन सकता है। एक प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत सरकार की संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 29 सितंबर को जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी थी। हालांकि, भारत को इससे संबंधित दस्तावेज नहीं भेजे गए हैं।

बताते चलें कि भारत में भी खराब दवा लेने से बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। 2020 में जम्मू-कश्मीर में डायथिलीन ग्लाइकोल से युक्त खांसी की दवा लेने से 17 बच्चों की मौत हुई थी। एक और मामले में पिछले साल दिल्ली में डेक्स्ट्रोमेथोर्फन से युक्त खांसी की दवा लेने से तीन बच्चों की मौत हुई थी।