मंत्री के आने से पहले अस्पताल की बिल्डिंग से हटाया प्राईवेट डॉक्टर का बोर्ड

in #health2 years ago

मंत्री के आने से पहले अस्पताल की बिल्डिंग से हटाया प्राईवेट डॉक्टर का बोर्ड
-मंत्री बोले: डॉक्टर 2-4 दिनां च नहीं बणदे, 8 तो 10 साल लगदे ने, अस्सी तां ही मैडिकल कॉलेज खोल रहे हां-
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फिरोजपुर
स्वास्थ्य मंत्री चेतन ङ्क्षसह जोरामाजरा के आने से पहले कस्बा जीरा के प्राईवेट अस्पताल की बिल्डिंग पर लगा प्राईवेट डॉक्टर का बोर्ड हटा दिया गया। मंत्री के आने से पहले अस्पताल अमले द्वारा पूरी ईमारत को चमकाया गया और एक भी नाकामी न दिखे, इसके लिए पूरे इंतजाम किए गए थे। लेकिन अस्पताल की बिल्डिंग पर सरकारी बोर्ड पर लगे प्राईवेट डॉक्टर के विज्ञापन को हटाना भूल गए थे। जब इसके बारे में अस्पताल प्रशासन को पता चला तो मंत्री के आने से कुछ देर पहले जल्दबाजी में बोर्ड को हटाकर नाकामिया छुपाई गई।
कस्बा जीरा की जिला हैडक्वार्टर से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी है। यहां पर अस्पताल में डॉक्टरो की लंबे समय की चल रही कमी के बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री को बताया गया तो तल्खी भरे रूख में उन्होंने कहा कि डॉक्टर 2-4 दिनां च नहीं बणदे, 8 तो 10 साल लगदे ने, अस्सी तां ही मैडिकल कॉलेज खोल रहे हां। उन्होंने कहा कि सरकार सभी काम प्रॉफिट के लिए नहीं करती है। अस्पताल में जो भी कमिया है, उसे दूर करवा दिया जाएगा। सरकार ने छह माह में जो काम करके दिखाए है, उसे अन्य सरकारो ने 5 साल में भी नहीं किए है। अन्य सरकारे तो छह महीने काम समझने में लगा देती है। पत्रकारो द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओ और पेश आ रही समस्याओ सम्बंधी जो भी प्रश्र पूछे गए तो मंत्री ने मेरी नॉलेज में नहीं, मैं चैक करवाऊंगा कहकर टालमटोल रवैया अपनाने की कोशिश की। पीजीआई के मुद्दे पर चेतन सिंह ने कहा कि अगर पीजीआई फिरोजपुर में बनता है तो राज्य सरकार हरसंभव सहयोग देगी।
स्वास्थ्य असुविधाओ से जूझ रहा फिरोजपुर
सीमावर्ती जिला होने के बावजूद फिरोजपुर स्वास्थ्य सुविधाओ से जूझ रहा है। सरकारी अस्पतालो में डॉक्टरो की कमी है तो वहीं वैंटीलेंटर अलमारियो में धूल फांक रहे है। सरकारी अस्पतालो की ईमारते जहां सफेद हाथी साबित हो रही है तो गांवो का हैल्थ सिस्टम खराब हुआ पड़ा है। जिला परिषद द्वारा संचालित डिस्पैंसरियो व स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मिन्नी अस्पतालो में भी डॉक्टरो सप्ताहित डयूटी करने को मजबूर है। यहीं कारण है कि निजी अस्पतालो में आसमान छूते चार्जिस होने के चलते जरूरतमंद लोगो का उपचार होना मुश्किल हो गया है। जिसके चलते लोगो को बड़े अस्पतालो में उपचार करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है।