30 साल की उम्र में होने वाली बीमारी के शिकार बन रहे बच्चे

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NEWS DESK: WORTHEUM, PUBLISHED BY: HEENA MANSURI, 3RD AUG 2022, 12:53 PM IST

आज के दौर में जीने वाले लोगों की आदतें पुराने लोगों से बिलकुल अलग हैं, आज का रहन-सहन खान-पान और जरूरत से ज्यादा काम, खैर ये सब एक बच्चे की जिम्मेदारी नहीं होती है, लेकिन बाहर शहरों में रहने वाले बच्चों में ऐसी क्या कमी हो रही है जिससे वो हाइपरटेंशन और ओबेसिटी जैसी बीमारयों का अभी से शिकार हो रहे हैं, जीवन को खुश करने के लिए बढ़ती उम्र के साथ हर टूल बनाया गया है जैसे बच्चों के लिए खेलना-कूदना मस्ती करना खूब सोना और पढ़ना फिलहाल इस उम्र में खुशियों का यही टूल है लेकिन आइए जानते हैं आज के स्मार्ट दुनिया के स्मार्ट बच्चों के बारे में जो हो रहे इस गंभीर बीमारी के शिकार.

रिसर्च का दावा

यह रिसर्च इंटरनेशनल टीम के लोगों ने किया, जिसमे 6 से 16 साल के हाइपरटेंशन से ग्रस्‍त बच्‍चों को शामिल किया गया था. इस रिसर्च में ये दावा किया गया की पेरेंट्स को उनके बच्चों के स्क्रीन टाइम यानि मोबाइल, टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक संसाधन पर नजर रखनी चाहिए वहीं बच्चों को हेल्दी खाना अच्छा ख्याल फिजिकल एक्टिविटी करवाने की सलाह दी गई है. साथ ही जंक फूड जैसे तेलिय पदार्थ से बनी चीजें, बर्गर, सैंडविच, पिज़्जा, तला पास्ता इन सब चीजों को कोशो दूर रखने को कहा गया है.

क्यों हो रहा हाइपरटेंशन और हाई बीपी?

जब हम किसी घर का निर्माण करते हैं तो सबसे पहले नीव मजबूत करते हैं वही अगर मोटी सरिया के जगह पतले सरिया का इस्तेमाल करेंगे तो हमारे घर की मजबूती वैसी नहीं रहेगी और न ही हम उसका ज्यादा दिन लाभ उठा सकते हैं उसी तरह हमारा जीवन होता है जिसे बचपन से ही मजबूत बनाना चाहिए अगर हम आज के आधुनिक जीवन के अनुसार चलेंगे तो दिमाग के हार्मोन्स ज्यादा काम नहीं करेंगे बल्कि मोटापा बढ़ेगा हाई बीपी के शिकार होंगे और हाइपरटेंशन बढ़ेगा इस बात पर गौर करना बहुत जरूरी है क्योंकि आने वाले समय में यही बच्चे देश के भविष्य हैं जिसकी नैतिक जिम्मेदारी और सबसे बड़ी भूमिका पेरेंट्स की होती है.

रखें ये सावधानियां

जीवन की कीमत बढ़ते उम्र के साथ समझ आती है लेकिन अभी वो बच्चें है उनका जीवन कुम्हार के मिटटी की तरह है जिसे अभी किसी भी आकार का शेप दे सकते हैं जिस तरह कुम्हार मिटटी से दियाली, घड़ा, सुराही बनाता है उसी तरह आप बच्चों को जीवन की अहमियत के बारें में बताएं ऑनलाइन गेमिंग खेलने के लिए मोबाइल देने के बजाय उनको किताब के एक अध्याय का महत्व बताएं और आपके पास समय नहीं तो उन्हें खेलने-कूदने के लिए कहे अच्छा पौष्टिक खाना देना शुरू करें और किसी भी बीमारी को नजर अंदाज न करें बल्कि डॉक्टर से सलाह जरूर लें.