विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मेडिकल एवं पैरामेडिकल कालिज में कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में रेजिडेंट, स्कॉलर, छात्र और शिक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और आत्महत्या की प्रवृत्ति से जूझ रहे लोगों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की गयी।
विभागाध्यक्ष, मेडिसिन संकाय की डीन और जे.एन. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. वीणा माहेश्वरी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई।
मुख्य भाषण देते हुए प्रो. आर.के. गौड़ ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या की रोकथाम पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें शुरुआती उपचार और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. देवश्री अखौरी, डॉ. मोहम्मद रियाजुद्दीन और डॉ. फैसल शान ने किया। विभाग की वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. शालिजा सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
एएमयू के नर्सिंग कॉलेज में भी प्रोफेसर फरहा आजमी, प्रिंसिपल और श्रीमती पामेला शालिनी जोसेफ, सहायक प्रोफेसर की देखरेख में ‘आत्महत्या पर कहानी बदलना’ विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बीएससी नर्सिंग छठे सेमेस्टर की छात्राओं ने लोगों और समुदायों को आत्महत्या और आत्मघाती व्यवहार के बारे में खुली चर्चा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए एक नाटक का मंचन किया।
प्रो. फरहा आजमी ने बताया कि दबाव की स्थिति में किसी समस्या से कैसे निपटा जाए और जीवन के लिए लक्ष्य कैसे निर्धारित किए जाएं। पामेला शालिनी जोसेफ ने इस कलंक को दूर करने और परिवार के सदस्यों के बीच अच्छी और स्वस्थ बातचीत के महत्व पर जोर दिया, जबकि मनोरोग विभाग की डॉ. देवश्री अखौरी ने इस बारे में अपने विचार साझा किए कि लोग आत्महत्या क्यों करते हैं और इसे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।