सहपऊ नगर पंचायत के ईओ को हटाने के लिए सभासद नगर आयुक्त अलीगढ़ से मिले।

in #hathras2 years ago

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हाथरस जिले की सहपऊ नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध कार्यो में अधिक रुची लेने का आरोप लगाते हुए। नगर पंचायत सभासदों ने आयुक्त अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ से सम्पर्क कर अपनी विभिन्न शिकायतों के निस्तारण हेतु प्रार्थना पत्र दिया हैं साथ ही नगर पंचायत के कार्यवाहक ई ओ का चार्ज हटाने का अनुरोध किया हैं । जानकारी के अनुसार नगर पंचायत सहपऊ के सभासद नरेन्द्र मोहन शुक्ला, जितेन्द्र कुमार, मोहन लाल, कृष्ण पाल सिंह, संजीव कुमार शर्मा,सुरेश चन्द्र, रूबी देवी, निधी गुप्ता, ज्ञान देवी व मीना देवी के साथ नामित सभासद ललित कुमार साह आदि ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि सहपऊ धर्मशाला से होलीगेट मोहल्ले तक प. दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना अंर्तगत करीब 1.83 करोड़ रुपये की धनराशि से सड़क, नाला व डिवाइडर निर्माण कार्य का टेंडर छह माह पूर्व हुआ था जिसकी अवधि का समय व्यतीत हो चुका हैं। जिसके चलते जो स्टीमेट बना था वह उस समय के अनुसार बना था तब से सीमेन्ट, चम्बल, बालू व ईट आदि सामिग्री के रेट काफी बढ़ चुके हैं। उसके दृष्टिगत ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य मे जिस सामिग्री का प्रयोग किया जा रहा है। वह मानक के विपरीत हो रहा है तथा निमार्णाधीन सड़क का करीब 80 प्रतिशत भाग नगर पंचायत की सीमा से बाहरी क्षेत्र सहपऊ देहात ग्राम पंचायत में कराया जा रहा है जो नियम विरुद्ध हैं। साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष के सगे संबंधियों को लाभ देने के लिए नाम फर्जी तरीके से दर्ज कर उन्हें नौकरी के नाम पर भुगतान करने की अनिमियता की जा रही हैं । अधिशासी अधिकारी का व्यवहार भी जनता व सभासदों के प्रति भी संतोषजनक नही हैं। समस्त सभासदों ने अविलम्ब कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी नरेश सिंह को हटाये जाने की मांग की है। कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत सहपऊ नरेश सिंह का कहना है कि जो भी आरोप सभासदों द्वारा लगाये जा रहे है वह तथ्यविहीन हैं तथा सहपऊ धर्मशाला मार्ग के निर्माण कार्य का कार्य टेंडर होंने के बाद अवैध अतिक्रमणधारियों ने हाई कोर्ट में याचिका डाल देने के कारण विलम्ब से शुरू हो सका हैं। उस मे ठेकेदार की कोई कमी नही हैं समयावधि बढ़ाने का अधिकार ऐसी स्थिति में ई ओ व अध्यक्ष को बनता हैं। कार्य करने के लिए समय निश्चित किया जाता हैं। छह माह की अवधि पूर्ण होने का कोई औचित्य नही है। ठेकेदार को कार्य करने में भी कोई एतराज नही है।