मंडी सचिव की दबंगई* *नियमों से नही मनमानी से करते है काम*

in #hathras2 years ago

हाथरस। नवीन मंडी हाथरस इस समय भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है क्योंकि इस मंडी में रोजाना भ्रष्टाचार की बातें होना अब आम बात हो गई है। मंडी के अधिकारियों को मंडी में होने वाले भ्रष्टाचार के बारे में पता ना हो यह संभव नहीं है और अगर उनके संज्ञान में ना हो तो मंडी में फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही यह बात समझ नहीं आती है। कृषि उत्पादन मंडी समिति ने सब्जी मंडी परिसर में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है।सूत्रों की माने तो यह फर्जीवाड़ा मंडी सचिव की मिलीभगत से हो रहा है। टीन शेड संख्या- 09 को मंडी समिति के द्वारा मुस्तकीम फ्रूट कंपनी के नाम से आवंटन किया गया था। आवंटित व्यक्ति मुस्तकीम की मृत्यु 8-10 साल पहले हो गई। उसके बाद मुस्तकीम के वारिशों ने कभी भी दुकान पर कोई काम नही किया। मुस्तकीम की मृत्यु के पश्चात यह दुकान काफी समय तक बंद रही, उसके बाद मंडी सचिव के आशीर्वाद से आशिक अली नामक व्यक्ति को दुकान मिल गई । जब से आशिक अली नाम का व्यक्ति अवैध रूप से इस दुकान पर लगातार अपना कार्य कर रहा है और उसने अपने नाम पर बिजली कनेक्शन भी ले लिया है, परंतु सचिव द्वारा आज तक कार्यवाही नही की गई।
मंडी समिति का एक रिटायर्ड लिपिक कर रहा मंडी में होने वाले फर्जी बाड़े की दलाली

नवीन मंडी परिसर में अब एक चर्चा आम बात हो गयी है कि मंडी का एक रिटायर्ड लिपिक मंडी में होने वाले फर्जीबाड़े के सभी कार्यों में मध्यस्थता बनाने के लिए अपनी भूमिका निभा रहा है मुस्तकीम फ्रूट कंपनी का 8-10 साल का मंडी किराया व मंडी शुल्क भी ऑनलाइन जमा कराने में रिटायर्ड लिपिक का हाथ है। इसी रिटायर्ड लिपिक ने सरकारी खाता संख्या में 8-10 साल बाद मुस्तकीम फ्रूट कंपनी का सरकारी रुपया हिसाब लगाकर जमा कराया है और इस रिटायर्ड लिपिक को आशिक अली नामक व्यक्ति के पास बैठा हुआ देखा भी गया है और यह व्यक्ति मंडी सचिव व अवैध दुकानदार के बीच कौन सा खेल कर रहा है यह समझना जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के लिए बहुत जरुरी है।
अपना नाम न छापने के शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि उसने इसी संबंध में एक शिकायती पत्र मंडी सचिव को भेजा, परंतु उस पर मंडी सचिव ने आज तक कोई कार्यवाही नही की। परंतु मंडी निरीक्षक और एक रिटायर्ड लिपिक ने आशिक अली को इस बात की सूचना देकर उसकी दुकान पर लटका "आशिक अली एंड कंपनी" का बोर्ड जरूर हटवा दिया है और तब से आज तक उस दुकान पर कोई बोर्ड नही लटका है। परंतु वह अवैध दुकानदार लगातार कार्य कर रहा है।download.jpeg