अजगर की तरह शहर को खा रहे सट्टे के खब्बाल

in #hathras2 years ago

शहर में हर तरफ सट्टा ही सट्टा और खब्बाल ही खब्बाल
ramkumar85 (41) in hathras • yesterday
हाथरस। क्षेत्र में सट्टे का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है। क्षेत्र में अवैध सट्टा का मामला हमेशा चर्चाओं में बना रहता है। पुलिस अधीक्षक के सख्त निर्देश के बावजूद भी यह अवैध धंधा क्षेत्र में संचालित हो रहा है। इससे तो यही लगता है कि यह अवैध कारोबारी पुलिस पर भारी पड़ते हैं।

सफेद रंग की स्कूटी पर घूम घूम कर कर रहा सट्टे की खब्बाली

क्या नाम की तरह ही luck भी देगा सट्टे के अवैध धंधे में साथ

शहर में सट्टा बाजार में कई खब्बाल हो गए हैं जो अपनी अपनी टीम तैयार कर सट्टा कारोबार कर रहे हैं। अपनी सफेद रंग की स्कूटी पर बैठ कर ही चामड़ गेट, ख़ातीखाना और भूरापीर चौराहे की सट्टे की खब्बाली को हाइटेक तरीके से संचालित कर रहा है। यह खब्बाल इतना शातिर है कि अपने मोबाइल से ही लाँखों रुपये की खाईबाड़ी आसानी से ही कर लेता है। इसने अपना व्हाट्सएप नम्बर सट्टा लगाने वालों को दे रखा है और ये उनके स्थानों पर ही रुपये लेने जाता है। यह खब्बाल अपने मोबाइल को भी अपने साथ नही रखता है। लेकिन अगर पुलिस चाहे तो ऐसे शातिर सट्टे के खब्बाल को आसानी से नही पकड़ सकती है। परंतु कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। फिलहाल तो अपने लक के कारण इसकी खब्बाली दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है।

जमानत मिलते ही खब्बाल ने और खुलकर शुरू किया सट्टे का अवैध कारोबार

बहादुर , ईमानदार, जांबाज पुलिस का दावा करने वाली मुख्यमंत्री योगी की पुलिस पर अब सवाल खड़े होने लगे है। क्योंकि क्षेत्र में सट्टे का अवैध धंधा बड़े स्तर पर सरेआम चल रहा है। धंधा चलाने वाले पुलिस प्रशासन तथा शासन में बड़ा दबदबा होने का दावा करते है। इसलिए, इन पर पुलिस भी कोई बड़ी कार्रवाई नही करती है। शहर में कानून के खिलाफ सरेआम सट्टा जैसे गतिविधियां चलती है तो अपने आप में ही कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।
गैर-कानूनी तरीके की गतिविधियों को लेकर अब तक पुलिस सट्टे की खब्बाली करने वालों पर बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आखिर क्यों इन खब्बालों को पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे भेज रही है?
बताया जा रहा है कि एक खब्बाल जिसका नाम का पहला शब्द ‘उ’ है। वह काफी सक्रिय है। लगभग एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने उसके घर ही सट्टे की लिखापढ़ी करते वक़्त ही उसे पकड़ा था। जमानत मिलने के बाद फिर से क्षेत्र में सक्रिय हो गया है, वह भी पहले से और ज्यादा खुलकर अपने अवैध धंधे को कर रहा है। उसके बीबी और बच्चे भी उसका पूरा साथ उसके अवैध धंधे में देते हैं। मतलब यह है कि उस खब्बाल के बंद होने के बाद भी उसकी सट्टे की खब्बाली बन्द नही होती है क्योंकि उसके अवैध काम को उसके बीबी और बच्चे सम्हाल लेते है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई प्रकार के लोग शराब के नशे में वहां आते हैं, गली में गाली-गलौज करते हैं और मना करने पर खब्बाल लड़ने को तैयार हो जाते हैं।

कार्रवाई से पहले मिल जाती है पुलिस के आने की खबर
नामचीन क्षेत्र गणेश गंज बना सट्टे के खब्बालों का अड्डा

हाथरस। शहर के हर इलाके में सट्टे का कारोबार निरंतर चलते जा रहा है, रोजाना पुलिस ऐसे आरोपियों पर कार्रवाई कर भी रही है लेकिन उसके बाद भी शहर में सट्टे का कारोबार बंद नहीं हो रहा है। खुलेआम शहर में सट्टे का कारोबार भी जोरो पर चल रहा है। शहर में एक समय था जब चोरी-छिपे चलता था पर अब तो सट्टा बाजार कानून की ढीली पकड़ की वजह से बड़े खाईवालों के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। जिस प्रकार सब कुछ खुलकर हो रहा है उससे ऐसा ही लगता है कि खब्बालों को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। सदर कोतवाली क्षेत्र का नामचीन क्षेत्र गणेश गंज आजकल अपने व्हाट्सएप पर सट्टे की खब्बाली को लेकर चर्चा में छा गया है जैसे बरसात के मौसम में बादल छा जाते हैं। इस अवैध धंधे को व्हाट्सएप पर करने वाला खब्बाल भी अभी युवा है और वह बहुत तेजी के साथ इस अवैध धंधे में आगे बढ़ना चाह रहा है। कुल मिलाकर वह सट्टे की दुनिया का राइट हैंड बनना चाहता है। पुलिस भी शायद अभी इसके चेहरे से बेखबर है, इसलिए ही यह अभी तक अपने अवैध धंधे को खुलकर कर रहा है। ऐसा लगता है कि शायद इस अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुलेआम शहर में संचालित किया जा रहा है।
कहने को तो मुख्यमंत्री योगी की पुलिस दबंग है, इसके बावजूद भी शहर में खुलेआम चल रहे सट्टा कारोबार पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है। जानकारी के मुताबिक जब भी कोई अधिकारी सटोरियों पर कार्रवाई के लिए जाते हैं तो उनके पहुंचने से पहले ही खबर मिलने पर सटोरिए अपना सामान समेटकर भाग जाते हैं।

खुलेआम संचालित हो रहा सट्टा
शहर में खुलेआम सट्टा का खेल चल रहा है। दोपहर होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चले रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है।

सट्टे में सब सेटिंग का खेल

सट्टे के खब्बालों की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने के लिए ये खब्बाल अपने गुर्गों के नाम हर महीने एक-एक प्रकरण बनवा देते हैं। ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है। सवाल ये है कि जब पुलिस हर महीने सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर मुख्य खब्बालों तक क्यों नहीं पहुँचपाती है।

जनचर्चा की माने तो सट्टे के अवैध धंधे के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते है। बाद में इसमें फंसकर अपना सब कुछ भी गवां बैठते है। पुलिस इस अवैध धंधे में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्यवाही न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है और इसी कारण अवैध धंधे में लिप्त इन खब्बालों के हौंसले बुलंद है।download (1).jpeg