वृद्धाआश्रम का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद उपाध्याय ने किया निरीक्षण।

in #hathras2 years ago

हाथरस-उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष मृदुला कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव कुमुद उपाध्याय द्वारा वृद्धाआश्रम, ग्राम नगला भूस तहसील हाथरस का औचक निरीक्षण एवं तदोपरान्त विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।IMG-20221125-WA0008.jpg निरीक्षण के समय सचिव एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों एवं उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया तथा स्टॉफ तथा स्टोर में उपलब्ध सामान तथा साफ-सफाई को देखा गया तथा वृद्धों से उनको दिये गये भोजन व नाश्ता के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी उनकी समस्याऐं सुनी गयीं। किसी भी वृद्ध के द्वारा स्टाफ/कर्मचारीगण के विरूद्ध कोई भी शिकायत नहीं की गयी है। साफ-सफाई पर्याप्त मात्र में पायी गयी।IMG-20221125-WA0007.jpg
वृद्धा आश्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद उपाध्याय एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती सरिता सिंह ने अशर्फी ग्रामोद्योग संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये सर्दी के स्वेटर, टोपा, कपड़े एवं चप्पल आदि वृद्धजन को वितरित किये गये। IMG-20221125-WA0009.jpg
इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में वृद्धाश्रम में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वृद्धों के अधिकार व भरण-पोषण, एंव निःशुल्क विधिक सहायता पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव कुमुद उपाध्याय की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती सरिता सिंह व स्थायी लोक अदालत के सदस्य मनीष कौशिक, पीएलवी ओमप्रकाश सारस्वत, मिथलेश, वार्डन, श्री धनवीर सिंह, प्रभारी अधीक्षक एवं संस्था की ओर से राम कुमार, योगेन्द्र कुमार आदि की उपस्थिति में विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरण पोषण नहीं किया जाता है, तो उन वृद्धजनों को अपने परिवारिजनों से भरण-पोषण पाने के अधिकारी है। भरण-पोषण के सम्बन्ध में वृद्धों को बताया कि वर्ष 2007 में एक नया अधिनियम का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत माता-पिता जिनकी अनदेखी हो और सन्तानहीन वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण का प्रावधान किया गया हो।IMG-20221125-WA0006.jpg इस अधिनियम के तहत गठित न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने की तिथि से 90 दिनों के भीतर राहत दिलवाने का प्रावधान है। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुये बताया कि जिन वृद्धजन की पेंशन नहीं बनी है वे अपना आवेदन अवश्य करायें। विधिक साक्षरता शिविर का संचालन पी0एल0वी0 ओम प्रकाश सारस्वत द्वारा किया गया।