उन्मूलन कार्यक्रम में सरकारी आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सक भी करेंगें सहभागिता।

in #hathras2 years ago

IMG-20220607-WA0049.jpgहाथरस-राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में सभी सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सक, होम्योपैथी चिकित्सक एवं यूनानी चिकित्सक भी सहभागिता करेंगे-जिला क्षय रोग अधिकारी जनपद हाथरस।
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य भवन लखनऊ के दिशा-निर्देशों के क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज दिनांक- 07.06.2022 को जिला क्षय रोग केन्द्र हाथस पर समस्त सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सक, होम्योपैथी चिकित्सक एवं यूनानी चिकित्सकों की सहभागिता के लिये एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जैसा कि आप अवगत हैं कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा भारत से वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूनन हेतु लक्ष्य रखा है। क्षय रोग मुक्ति के लिये जनपद हाथरस द्वारा प्रयास शुरु किये जा रहे हैं।
कार्यशाला में डा0 प्रवीन कुमार भारती, जिला क्षय रोग अधिकारी हाथरस ने बताया कि सभी सरकारी सेवाओं में कार्यरत आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी चिकित्सकों को टीबी के सम्भावित रोगियों को बलगम जॉच हेतु पास के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर संदर्भित करना होगा। यदि सम्भावित रोगी की जॉच में टीबी की पुष्टि होती है तो उस रोगी की उसी केन्द्र से दवायें शुरु की जायेगी तथा निःक्षय पोषण योजना के तहत रोगी का बेंक खाता व आधार कार्ड प्राप्त कर डीबीटी के द्वारा रुपया 500/प्रतिमाह दिया जायेगा। क्षय रोग की पुष्टि होने पर रोगी के परिवार के सभी सदस्यों, निकटवर्ती सम्पर्कों में टीबी संक्रमण की स्क्रीनिंग एवं संक्रमण की पुष्टि पर टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट निःशुल्क प्रदान किया जायेगा।
डा0 भारती ने बैठक में उपस्थित सभी चिकित्सकों से अपील की कि सभी चिकित्सक अधिक से अधिक सम्भावित क्षय रोगियों को जॉच के लिये संदर्भित करें और क्षय उन्मूलन के इस अभियान में अपना सक्रिय सहभागिता करें साथ ही बताया कि दो सप्ताह से अधिक खॉसी आना, भूख न लगना, वजन कम होना, सीने में दर्द रहना व खॉसी में खून का आना, बुखार रहना एवं रात को पसीना आना आदि क्षय रोग के मुख्य लक्षण होते हैं।
विशाल पाठक जिला पीएमडीटी समन्वयक द्वारा ड्रग रजिस्टेंस टीबी के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। जिसमें चिकित्सकों को बताया गया कि टीबी के रोगी दवाऐ छोड़-छोड कर खाते हैं जिससे वह एम0डी0आर0 हो जाते हैं। टीबी रोगी छः माह का पूर्ण उपचार करें तो एमडीआर टीबी होने से बचा जा सकता है।
मनोज उपाध्याय, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक ने बताया कि अभी तक प्राइवेट से एमबीबीएस चिकित्सक ही अपना योगदान दे रहे हैं उनसे प्राप्त टीबी रोगियों को सीबीनाट/ट्रूनॉट से निःशुल्क जॉच, एचआईवी एवं शुगर की जॉच, दवायें एवं डीबीटी द्वारा निःक्षय पोषण योजना का लाभ दिलवाया जा रहा है। अब प्राइवेट सेक्टर के आयुर्वेदक, होम्योपैथिक एवं यूनानी चिक्त्सिक भी सहयोग करेंगे।
बैठक में निम्नलिखित चिकित्सक डा0 अलख प्रकाश आयुर्वेदिक चिकित्सक, डा0 ज्योति सेंगर आयुर्वेदिक चिकित्सक,डा0 मनोज कुमार , डा0 लालता प्रसाद पाल, डा0 उजमा चिश्ती यूनानी चिकित्सक, डा0 अशोक कुमार होम्योपैथिक चिकित्सक, डा0 रुपकिशोर होम्योपैथिक चिकित्सक, डा0 सरिता होम्योपैथिक चिकित्सक एवं एनटीईपी स्टाफ उपस्थित रहा।