12 अगस्त प्रातः रक्षा बंधन मनाना श्रेष्ठ : गौपुत्र कृष्ण गोपाल शास्त्री

in #hathras2 years ago

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श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को श्रावणी या रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है । परंतु इस वर्ष पूर्णिमा तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भ्रांतियां है कि राखी का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाए या 12 अगस्त को आमजन मे फैली हुई श्रावणी पर्व की शंका का समाधान करते हुए गौपुत्र कृष्ण गोपाल शास्त्री जी ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त से प्रारंभ हो रही हैं परंतु भद्राकाल रहने के कारण इस दिन रक्षाबंधन पर्व अशुभ रहेगा गौपुत्र कृष्ण गोपल शास्त्री जी ने भद्रा के विषय में स्पष्ट जानकारी देते हुए बताया कि । भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा । श्रावणी नृपन्ति हन्ति ग्रामं दहति फाल्गुनी अर्थात भद्राकाल में रक्षाबंधन के प्रधान व्यक्ति को और होलिका दहन मे ग्राम , नगर , मोहल्ला, को क्षति प्रदान करता हैं। गुरुवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:38 बजे से शुरू हो जाएगी जो कि 12 अगस्त की सुबह 7:05 तक रहेगी साथ ही इस दिन भद्राकाल भी शुरू होकर 11 अगस्त रात्रि 8:51 तक रहेगा । निर्णयसिंधु मे हेमाद्रि । भविष्यपुराण के उल्लेखानुसार श्रावण की पूर्णमासी में सूर्योदय के अनंतर श्रुति, स्मृति, विधान से उपाकर्म एवं श्रावणी पर्व करना चाहिए । साकल्यपादता तिथि सूर्योदय उपरांत जितनी हो उसी को उस दिन व्रत , पूजा , यज्ञानुष्ठान के लिए संपूर्ण दिन अहोरात्र में सफलता प्रदान करती है यह केवल श्राद्धकर्म को छोड़कर सभी शुभकर्मों में ग्राह्म मानी गई है गौपुत्र कृष्ण गोपाल शास्त्री जी ने बताया कि 12 अगस्त प्रातः 05:52 बजे सूर्योदय के साथ ही रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा और यह करीब 3 घंटे तक रहेगा ऐसे में उदया तिथि और शुभ मुहूर्त को देखते हुए 12 अगस्त प्रातः रक्षा बंधन मनाना श्रेष्ठ रहेगा शुक्रवार को धाता और सौभाग्य योग भी बन रहे हैं। शुभ योग मैं भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व दोनों के जीवन में सुख समृद्धि और लंबी आयु लाएगा (गौसेवा परिवार हाथरस )