हाथरस के प्रसिद्ध आशुकवि बाबा निर्भय हाथरसी की मनाई 23 वीं पुण्यतिथि,

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हाथरस के सादाबाद गेट पर प्रसिद्ध आशुकवि बाबा निर्भय हाथरसी की मनाई 23 वीं पुण्यतिथि,लगा कवि दरबार
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हाथरस:शहर के सादाबाद गेट पर धन्वंतरी औषधालय पर आज आशुकवि बाबा निर्भय हाथरसी की 23 वीं पुण्यतिथि कवि दरबार संस्था की ओर से वैध ब्रजेश मोहन रावत के संयोजक में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक हरिशंकर माहौर ने की। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बाबा के अनेक संस्मरण सुनाए तथा कविताओं के माध्यम से उन्हें याद किया। कार्यक्रम में काव्य पाठ कर कवि प्रदीप पंडित ने पढ़ा कि; मंच के सम्राट थे बाबा निर्भय हाथरसी, हाथरस की पहचान थे बाबा निर्भय हाथरसी। कवि बृजेश मोहन रावत ने पढ़ा कि; सरस्वती के पुत्र लक्ष्मी के भंडार हाथरस की शान थे शब्दों के अवतार।कवि दिनेश राज कटारा ने पढ़ा कि ;जनता जनार्दन के कवि पुत्र थे निर्भय, आशु कविता के सिद्धहस्त से निर्भय।कार्यक्रम में साहित्यकार विद्यासागर विकल ने कहा कि बाबा थे कविता के धनी उनका नहीं था कोई शानी। साहित्यकार गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि कविता कला की खान हाथरस, काका निर्भय का सम्मान हाथरस, करता है दोनों का गुणगान हाथरस। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कवि श्यामबाबू चिंतन, मदन गोपाल रावत, रामवीर शर्मा, श्री भगवान गौड, तरुण शर्मा ,जय शर्मा ,डॉ बी पी सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।