बिछ रही बिसात: हनीप्रीत को मिल सकती है डेरे की गुरु गद्दी, मुख्य शिष्य का ही पहला अधिकार!

in #haryana2 years ago

अब तक डेरा का नियम रहा है कि गद्दीनशीन संत के परिवार के किसी भी सदस्य को गद्दी नहीं मिलती, मुख्य शिष्य का ही पहला अधिकार रहता आया है। मस्ताना जी महाराज, शाह सतनाम जी महाराज और फिर गुरमीत राम रहीम के बीच पारिवारिक रिश्ता नहीं है।

डेरा सच्चा सौदा इन दिनों विवादों में है। जहां एक ओर डेरामुखी के जेल जाने, पैरोल पर आने को लेकर चर्चा में है वहीं दूसरी ओर हाल ही में प्रबंधन में हुए बदलावों और डेरामुखी के परिवार पहचान पत्र में हुए बदलाव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। चर्चाएं चल रही हैं कि डेरा की गद्दी पर हनीप्रीत का कब्जा होगा। वहीं दूसरी ओर डेरा प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है। लेकिन इतिहास खंगालें तो खुलासा हो रहा है कि डेरा की गद्दी पर बैठने वाले नियम-कायदों अनुसार ये सब बदलाव हो रहे हैं। इससे हनीप्रीत का कनेक्शन जुड़ रहा है।

डेरा का एक सामान्य सा नियम है कि जो भी गुरु गद्दी पर बैठेगा, भविष्य में वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को गद्दी नहीं सौंपेगा। केवल मुख्य शिष्य को ही गद्दी मिलेगी। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि डेरा पर किसी भी एक व्यक्ति विशेष का अधिकार न हो और परिवारवाद यहां हावी न हो पाए। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक मस्ताना जी महाराज ने अपने शिष्य शाह सतनाम जी महाराज को गद्दी सौंपी।

इसी प्रकार शाह सतनाम जी महाराज ने अपने मुख्य शिष्य गुरमीत राम रहीम सिंह को 1990 में गद्दी सौंपकर डेरा संचालन की जिम्मेदारी दी। अब तक डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह गद्दी पर है। जबकि डेरामुखी की मुख्य शिष्या के रूप में हनीप्रीत को प्रचारित किया गया है। डेरामुखी ने अपने परिवार पहचान पत्र में भी हनीप्रीत को मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी के रूप में शामिल कर लिया है।

इसी प्रकार शाह सतनाम जी महाराज ने अपने मुख्य शिष्य गुरमीत राम रहीम सिंह को 1990 में गद्दी सौंपकर डेरा संचालन की जिम्मेदारी दी। अब तक डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह गद्दी पर है। जबकि डेरामुखी की मुख्य शिष्या के रूप में हनीप्रीत को प्रचारित किया गया है। डेरामुखी ने अपने परिवार पहचान पत्र में भी हनीप्रीत को मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी के रूप में शामिल कर लिया है।

गुरु गद्दी को लेकर चली चर्चाएं , अब परिवार ने किया किनारा

डेरामुखी को सजा हुई तो चर्चाएं चली कि अब गद्दी पर कौन बैठेगा। इस दौरान चर्चाएं चली कि अब डेरामुखी के बेटे को गद्दी पर बैठाया जा सकता है। लेकिन कुछ ही समय बाद डेरामुखी ने जेल से चिट्ठी लिखकर स्पष्ट किया कि परिवार का कोई भी सदस्य गद्दी पर नहीं विराजमान होगा। साथ ही डेरामुखी ने स्वयं ही गद्दी पर बैठे रहने की बात की।

डेरामुखी के यहां रहते और जेल जाने के बाद हुए कार्यक्रमों में हालांकि पहले पूरा परिवार शामिल होता था। लेकिन अब धीरे-धीरे परिवार के सदस्य दूर होते चले गए। दोनों बेटियां विदेश चली गई है और डेरामुखी का बेटा भी अब विदेश में जा चुका है। यहां केवल डेरामुखी की माता और पत्नी ही इस समय हैं।

नए हो रहे बदलाव से जुड़ रहा हनीप्रीत का गुरु गद्दी से कनेक्शन

हाल ही में डेरामुखी ने अपने आधार कार्ड और फैमिली आईडी में बदलाव करवाया है। परिवार पहचान पत्र में परिवार के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया जबकि केवल हनीप्रीत को मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी के रूप में शामिल किया गया है। डेरा का नियम भी यही है कि गुरु गद्दी केवल मुख्य शिष्य को ही मिल सकती है, न कि किसी परिवार के सदस्य को।

दूसरी ओर परिवार डेरा से अब दूर हो गया है, केवल डेरामुखी की माता और पत्नी ही यहां मौजूद है। इसके अलावा हनीप्रीत को डेरा से जुड़ी प्रबंधन कमेटियों में शामिल करना और उप डेराप्रमुख बनाए जाने के दावे भी हुए। डेरा प्रबंधन ने भी माना कि हनीप्रीत प्रबंधन कमेटी की सदस्य रही है। इससे कहीं न कहीं हनीप्रीत का गुरु गद्दी से कनेक्शन जुड़ता हुआ नजर आ रहा है।

इतिहास फिर दोहरा रहा

डेरा का इतिहास रहा है कि जिस भी गुरु ने गद्दी छोड़ी तो उनका परिवार भी धीरे-धीरे डेरा को छोड़कर चला गया और डेरा के प्रबंधन में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं किया। शाह सतनाम जी का परिवार सिरसा डेरा से दूर हो चुका है और उनका अब यहां आना-जाना नहीं है। इसके बाद अब वर्तमान डेरामुखी गुरमीत राम रहीम का परिवार भी धीरे-धीरे दूर होना शुरू हो गया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि कहीं न कहीं एक बार फिर डेरा बदलाव की ओर रुख कर रहा है।

ram-rahim_1506443934.jpeg

Sort:  

Sir coin buy kareye vigyaapan a raha hi ...