भगवानी देवी : 94 साल की उम्र में हरियाणा की ‘‘दादी’’ ने फिनलैंड में जीते तीन मेडल

in #haryana2 years ago

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पिछले दिनों भारत की आधिकारिक जर्सी पहने एक वृद्ध महिला गले में ढेरों मेडल लटकाए अपने देश की धरती पर उतरीं तो लोगों ने ढोल नगाड़ों से उनका स्वागत किया और उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया. ढोल की थाप पर बड़ी सादगी से परंपरागत हरियाणवी नृत्य करती यह महिला भगवानी देवी (Bhagwani Devi) हैं, जिन्होंने दुनिया के खेल के नक्शे पर भारत के नाम की स्वर्णिम मोहर लगाई है. यह बात हजारों बार कही सुनी जा चुकी है कि कुछ भी हासिल करने के लिए उम्र कभी बाधा नहीं होती, लेकिन भगवानी देवी ने 94 साल की उम्र में जो कारनामा अंजाम दिया है उसे देखते हुए तो अब ‘‘वृद्ध'' शब्द की परिभाषा ही बदल देनी होगी.
वह इस उम्र में भी जवानों से ज्यादा जवान हैं और फिनलैंड वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप से तीन मेडल लेकर लौटी हैं। उन्होंने 100 मीटर दौड़ में ही नहीं बल्कि गोला फेंक और भाला फेंक में भी शानदार प्रदर्शन किया. 100 मीटर की दौड़ में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि बाकी दोनों स्पर्धाओं में वह कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहीं. अपनी उपलब्धि से बेहद खुश भगवानी देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने पोते को देखकर दौड़ में भाग लेने का फैसला किया.

भगवानी देवी ने अपने पोते विकास डागर को देखकर खेलों की दुनिया में कदम रखा। उनके पोते विकास डागर अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट हैं और कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में शिरकत कर चुके हैं.