अतुल कपूर के नेतृत्व में मियागंज उन्नाव में होगा राजसूय महायज्ञ

in #hardoi2 years ago

IMG-20220914-WA0067.jpgउप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने आगामी 6 अक्टूबर को राजसूय यज्ञ के भूमि पूजन में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रण स्वीकार किया। गायत्री प्रज्ञा पीठ पिहानी के प्रमुख ट्रस्टी श्री अतुल कपूर के नेतृत्व में जिला उन्नाव के मियागंज में राजसूय यज्ञ होने जा रहा है। उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने आयोजक मुकेश गुप्ता को हर संभव सहायता के लिए आश्वस्त किया। राजसूय यज्ञ आगामी 10 नवंबर से 14 नवंबर 2022 तक मियागंज (उन्नाव) में संपन्न होगा। इससे पहले श्री अतुल कपूर मिश्रिख में 1008 कुंडीय अश्वमेध महायज्ञ ,पिहानी में 1008 कुंडीय नवग्रह महायज्ञ, हामिद अली इंटर कॉलेज पिहानी मे अश्वमेध यज्ञ, जिला हरदोई के विकासखंड हरियावा के सिरसा अश्वमेध यज्ञ, व दर्जनों अश्वमेध का संचालन व अन्य प्रदेशों में भी बड़े आयोजनों का संचालन कर चुके हैं। श्री अतुल कपूर उन्नाव के मियागंज में होने वाले राजसूय यज्ञ में तन मन धन से जुटे हुए हैं।

श्री अतुल कपूर ने राजसूय यज्ञ के विषय में बताया कि राजसूय यज्ञ वैदिक काल का विख्यात यज्ञ है। इसे कोई भी राजा चक्रवती सम्राट बनने के लिए किया करते थे। यह एक वैदिक यज्ञ है जिसका वर्णन यजुर्वेद में मिलता है।

इस यज्ञ की विधी यह है की जिस किसी भी राजा को चक्रचती सम्राट बनना होता था तो वह राजसूय यज्ञ संपन्न कराकर एक अश्व (घोड़ा) छोड़ दिया करता था। वह घोड़ा अलग-अलग राज्यों और प्रदेशों में फिरता रहता था। उस अश्व के पीछे-पीछे गुप्त रूप से राजसूय यज्ञ कराने वाले राजा के कुछ सैनिक भी हुआ करते थे।

जब वह अश्व किसी राज्य से होकर जाता और उस राज्य का राजा उस अश्व को पकड़ लेता था तो उसे उस अश्व के राजा से युद्ध करना होता था और अपनी वीरता प्रदर्शित करनी होती थी और यदि कोई राजा उस अश्व को नहीं पकड़ता था तो इसका अर्थ यह था की वह राजा उस राजसूय अश्व के राजा को नमन करता है और उस राज्य के राजा की छत्रछाया में रहना स्वीकार करता है।

रामायण काल में श्रीराम और महाभारत काल में महाराज युधिष्ठिर द्वारा यह यज्ञ किया गया था।

श्री अतुल कपूर ने राजसूय यज्ञ को सफल बनाने के लिए सभी लोगों से सहयोग करने व‌ यज्ञ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।