आख़िर कानूनी #दांवपेंच में रुकी नयागांव कोटा चयन की खुली बैठक

in #hardoi2 years ago

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अब 2 नवम्बर को बैठक करने प्रधान का फरमान
कहा, निष्पक्षता से हो #कोटा चयन

हरदोई


शासन-सत्ता के उलझाव और कानूनी दांव-पेंच के दबाव में ग्राम पंचायत नयागांव के राशन कोटा को लेकर शुक्रवार को होने वाली ग्राम सभा की खुली बैठक आखिर निरस्त हो ही गयी। जो अब 2 नवम्बर को होगी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राशन कोटा निरस्तीकरण और चयन के दबाव के पीछे मामला सत्ता के दरबार और एक न्यायिक अधिकारी के परिवार के बीच ब्लॉक प्रमुख चुनाव में ठनी शह-मात की सियासी रार से जुड़ा बताया जा रहा है।

बावन ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में नया गांव के एक न्यायिक अधिकारी की पत्नी और पुलिस अधिकारी की बेटी के रूप में बीडीसी सदस्य रंजना बाजपेयी की दावेदारी के लिए सत्ता की हाईकमान तक सियासी घेरेबंदी से ग्राम पंचायत नयागांव सत्ता-सियासत के निशाने पर आ गया। प्रमुख पद पर दावेदारी के लिए सत्ताशीर्ष तक दावेदारी पेश करने की खुन्नस श्रीमती बाजपेयी के समर्थक ग्राम प्रधान बालकराम और कोटेदार राजाराम पर प्रशासनिक घेरेबंदी के रूप में सामने आयी और ग्राम प्रधान के साथ ही कोटेदार पर भी जांच और कार्रवाई की आंच पड़ी।

सियासी पण्डितों की मानें तो कोटेदार राजाराम को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही सत्ता के दबाव में 26 सितम्बर को गुपचुप तरीके से राशन कोटा की लाइसेंस निरस्त कर दी गई। और 11 अक्टूबर को एकाएक तीन दिन की अल्पावधि के खुली बैठक के एजेंडे के विरोध में ग्रामीण नागरिक मुखर हुए। ग्राम प्रधान ने भी अपना विरोध जताया।

ग्राम प्रधान बालकराम की मानें तो शासन-सत्ता की ज्यादती तब सामने आयी जब नये राशन कोटा की लाइसेंस चयन के लिए 14 अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभा की खुली के एजेंडे की जानकारी प्रधान को ही ब्लाक के माध्यम से दो दिन पहले 11 अक्टूबर की रात में दी गई। जबकि नियमत: ग्रामसभा की खुली बैठक की सूचना कम से कम 15 दिन पहले देने का प्रावधान बताया जाता है। ग्राम प्रधान बालकराम ने कोटा चयन में शासन-सत्ता से जुड़े सिपहसालारों की मंशा भांपकर को् अलोकतांत्रिक प्रक्रिया को चुनौती देते हुए जिला प्रशासन से लेकर उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री तक नैसर्गिक और लोकन्याय की गुहार लगाई। तो नियम-कानून के दांव-पेंच के उलझाव से बचने के लिए प्रशासन बैकफुट पर आ गया और आननफानन में शुक्रवार की खुली बैठक टालकर आगामी बैठक के लिए 2 नवम्बर की तिथि निर्धारित की है।

इस तरह नयागांव के राशन-कोटा की दुकान चयन को लेकर चल रही सियासी उठापटक पर बावन क्षेत्र सहित जिले के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि देखो ऊंट किस करवट बैठता है। इसे लेकर 2 नवम्बर को होने वाली खुली बैठक और कोटा चयन से जुड़ी उठापटक की अटकलबाजियों के साथ सभी की निगाहें नयागांव की ओर लगीं हैं कि देखो आगे होता है क्या।