कछौना थाने में पत्रकार पर दर्ज हुआ फर्जी मुकदमा

in #hardoi2 years ago

IMG-20220720-WA0208.jpgव्यापारियों के दबाव में आकर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

● झूठा मामला दर्ज किए जाने पर पत्रकारों में रोष

कछौना(हरदोई) :- पत्रकारों के हितों की रक्षा एवं पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच के प्रदेश सरकार के लाख दावों के बावजूद योगी सरकार में भ्रष्टाचार की आवाज उठाने वाले पत्रकारों पर ही पुलिस और माफियाओं के गठजोड़ के चलते लगातार फर्जी मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। सरकार को भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों की हकीकत से रूबरू कराना पत्रकारों को महंगा पड़ रहा है। पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मुकदमा दर्ज करने के ऐसे मामले प्रदेश के कई जनपदों से प्रकाश में आए हैं।

ताजा मामला जनपद हरदोई के कोतवाली कछौना क्षेत्र से प्रकाश में आया है जहाँ पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले एक पत्रकार एस.बी.सिंह सेंगऱ पर कछौना पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों व कुछ भ्रष्टाचारियों के प्रभाव में आकर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। कछौना के युवा पत्रकार एस.बी.सिंह सेंगऱ अपनी खोजी पत्रकारिता व निष्पक्ष खबरों के लिए जाने जाते हैं। जनहित समस्याओं व भ्रष्टाचार पर बेबाकी से लिखने वाले पत्रकार सेंगऱ की अपनी एक अलग पहचान है।

पीड़ित पत्रकार एस.बी.सिंह सेंगर ने बताया कि उनके द्वारा आम जनमानस से संवाद तथा जनहित समस्याओं के संकलन व यथासंभव निराकरण आदि उद्देश्यों को लेकर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था जिसमें जुड़े किसी अज्ञात सदस्य ने उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की कछौना इकाई व पदाधिकारियों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का रहस्योद्घाटन कर दिया था। अज्ञात सदस्य ने ग्रुप में व्यापार मंडल के पदाधिकारी द्वारा कछौना पुलिस इंस्पेक्टर के ऑफिस में लगवाई गई एयर कंडीशनर के बारे में भी खुलासा किया था। जिससे खुन्नस खाकर व्यापारियों ने पुलिस से मिलीभगत कर अज्ञात व्यक्ति के साथ-साथ ग्रुप एडमिन एस.बी.सिंह सेंगर पर भी षड्यंत्र के साथ फर्जी तरीके के मुकदमा दर्ज करवा दिया। जबकि एफआईआर में लिखे तथ्य वास्तविकता से कोसों दूर हैं।

पत्रकार एस.बी.सिंह सेंगर का कहना है कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में 14 जुलाई को कस्बे में उनके द्वारा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को गाली गलौज व धमकी देने का मामला दर्शाया गया है, जबकि 14 जुलाई को सुबह से रात तक वह कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दीननगर स्थित अपने घर पर ही मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्थानीय पुलिस के समक्ष पक्ष रखने के बावजूद भी व्यापार मंडल के प्रभाव में कार्य कर रही कछौना पुलिस मामले की जांच पड़ताल करने के बजाय मुझको ही आरोपी साबित करने में लगी हुई है।

पत्रकार ने यह भी बताया कि उसने लॉकडाउन पीरियड में व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से मंगवाई गई कमला पसंद मसाले की बड़ी खेप पकड़कर शासन-प्रशासन को अवगत कराया था, जिस पर जांच भी हुई और मोटा लेन-देन कर मामले को निपटा दिया गया था। व्यापार मंडल उसी प्रकरण को लेकर पत्रकार व उसके सहयोगियों से द्वेषपूर्ण भावना रखता आ रहा है।

हरदोई प्रेस क्लब के अध्यक्ष आकाश शुक्ला सहित जिले के विभिन्न पत्रकारों ने पूरे प्रकरण को कलम पर कुठाराघात बताते हुए इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की है। एफआईआर की की निंदा करते हुए पत्रकारों ने कहा है कि पुलिस पत्रकारों के खिलाफ दमन की कार्रवाई कर रही है। इसके खिलाफ पत्रकार एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे और पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमा पुलिस वापस नहीं लेती है तो पत्रकार सड़क पर आकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।