सट्टेबाजी का शिकार हो रहे युवा, वेबसाइट बना सट्टेबाजी का नया माध्यम

in #hardoi2 years ago

हरदोई – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिसके क्रम में डीजीपी की मित्र पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की लेकिन हरदोई में सट्टेबाजों के आगे पुलिस बेबस है।शहर के विभिन्न चौराहों पर सट्टेबाजों की दुकानें सजी रहती हैं युवा पीढ़ी हो या फिर दिहाड़ी मजदूर दो जून की रोटी जुटाने वाले लोग भी इन सट्टेबाजों के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी और कमाई दोनों बर्बाद कर रहे हैं।यही नहीं नाबालिग बच्चे भी इन सट्टेबाजों के चंगुल में फंसकर सट्टा लगाकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं।जगह जगह सट्टेबाज और उसके गुर्गे विद्यमान रहते हैं लेकिन इलाकाई पुलिस इन सट्टेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं करती लिहाजा पुलिस की सक्रियता और ईमानदारी पर भी सवाल उठना लाजिमी है।शहरवासियों और सट्टेबाजों के चंगुल में फंस कर बर्बाद हो चुके लोगों को सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई का अभी भी इंतजार है।हालांकि लोग यह भी कहते हैं कि सट्टेबाजों से पुलिस की नजदीकी है ऐसे में मित्र पुलिस से कार्रवाई की उम्मीद कम ही है।

वेबसाइट देखकर सट्टा बाजार में आने वाले अंकों की जानकारी ली जाती है,जिसमें सट्टा मट्का,सट्टा बाजार, ब्लैक सट्टा,सट्टा किंग,सट्टा किंग लाइव, समेत एक दर्जन से अधिक वेबसाइट उपलब्ध हैं।जिन्हें मोबाइल से वेबसाइट पर पर्ची सट्टे में आने वाले नंबरों को आसानी से देखा जा सकता है।

पर्ची सट्टा सुबह 6 बजे से ही शुरू हो जाता है और आखिरी नंबर रात 12 बजे आता है।भोले-भाले लोग लालच बस 1 से 100 नंबर के चुनाव में एक नंबर पर रुपये लगाते हैं और वह नंबर आने पर उनको 10 रुपये पर 800 रुपये मिलते हैं जबकि शेष 99 अंकों पर रुपए लगाने वाले लोगों के रुपए सट्टेबाज की जेब में जाते हैं और उसे अच्छा मुनाफा होता है जबकि इसमें चंद लोग ही जीतते हैं और अधिकतर लोग बर्बाद हो जाते हैं।
रेलवेगंज,गिब्सनगंज,अरुणा पार्क के निकट,जिंदपीर चौराहा, नईबस्ती,रेलवे स्टेशन पर सट्टेबाजों का अड्डा लगता है।सट्टे के अड्डे के लोग पर्ची सट्टा के एजेंटों को अपनी पर्ची बनाकर दे देते हैं और वह लोग उनके नंबरों को बाजार तक पहुंचा देते हैं। जैसे ही वह नंबर मोबाइल वेबसाइट पर शो होता है तो वह लोग एजेंट के पास जाकर अपना रुपया ले लेते हैं।Cricket-Betting.jpeg