अवैध रूप से चल रही मीट, किचन की दुकानें मानकों की उड़ रही धज्जियां

in #hardoi2 years ago

कछौना/गौसगंज(हरदोई)। कोतवाली कछौना क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय कछौना कस्बे व थाना कासिमपुर क्षेत्र के अंतर्गत गौसगंज कस्बे में अवैध तौर पर चल रहीं मीट/चिकन की दर्जनों दुकानें फूड सिक्योरिटी स्टैंडर्ड की जमकर धज्जियाँ उड़ा रही हैं। बिना किसी मानक तथा नियमों को ताकपर रखकर बिना लाइसेंस के ही मीट की दुकानों का बेधड़क संचालन किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्यवाई ना होने के चलते अवैध मांस का कारोबार करने वाले मीट कारोबारियों के हौसले लगातार बुलंद हैं।

बताते चलें कि कोतवाली क्षेत्र कछौना के अंतर्गत कछौना कस्बे में कछौना-गौसगंज रोड, लखनऊ-हरदोई मुख्य मार्ग पर, मुख्य चौराहे से लेकर स्टेशन रोड सहित कस्बे की मुख्य बाजार व रेलवेगंज वार्ड में स्थित गाजू-हथौड़ा तिराहा, रेलवे मस्जिद आदि जगहों पर बिना लाइसेंस व निर्धारित मानकों का पालन किए बिना धड़ल्ले से मीट की दर्जनों दुकानें संचालित हो रही है। इन अवैध दुकानों पर खुलेआम मांस बेचने के साथ-साथ दूषित मांस की बिक्री भी की जाती है। एफएसडीए के निर्धारित मानकों का खुला उल्लंघन करते हुए मीट कारोबारी पुलिस प्रशासन या स्थानीय निकाय द्वारा एनओसी प्राप्त किए बिना ही मांस की बिक्री करते हैं। कछौना कस्बे में तो एक दुकान मस्जिद(रेलवे मस्जिद) के मेन गेट से बिल्कुल सटी हुई संचालित होती है जबकि नियमानुसार मीट की दुकान किसी धार्मिक स्थल से निश्चित दूरी(लगभग 100 मीटर) पर होना चाहिए। मीट अवशेषों का उचित निस्तारण ना होने से दुकानों के आसपास भारी मात्रा में गंदगी फैलने तथा दूषित मांस खाने से लोगों में संक्रमण व गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। पशुओं को काटने से पहले वेटनरी डॉक्टर से जांच की प्रक्रिया भी कभी पूरी नहीं की जाती है।
थाना-क्षेत्र* के अंतर्गत आने वाले गौसगंज कस्बे में मुख्य बाजार में स्थित हरिनाम मार्केट व रामचंद्र मार्केट के पीछे पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से मीट मार्केट(चिकाई मार्केट) संचालित हो रही है। गौसगंज कस्बे में ही सुठियाएं रोड पर स्थित कुरैशी मार्केट में भी मीट की कई दुकानें लगती है। दोनों स्थानों पर कुल मिलाकर लगभग दो दर्जन मीट की अवैध दुकानें संचालित हैं। स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने बताया कि दर्जनों बार संबंधित अधिकारियों/विभाग से शिकायत करने के बाद भी आज तक कार्यवाई शून्य है। कभी-कभी नाममात्र का अभियान चलाकर महज खानापूर्ति करके प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। मार्केट व आबादी के आसपास रहने वाले लोगों को मीट अवशेषों से फैली गंदगी व बदबू के चलते आए दिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।Screenshot_20220907-121552_WhatsApp.jpg