आरटीआई के तहत सूचना ना देने पर 25000 रुपए का लगा जुर्माना

in #hardoi2 years ago

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हरदोई।।
जिले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सूचनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदकों को स-समय सूचना उपलब्ध ना कराने पर राज्य सूचना आयोग(उत्तर प्रदेश) ने अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। ऐसे ही एक मामले में आरटीआई के तहत सूचना ना देने/भ्रामक व अपुष्ट सूचना देने पर राज्य सूचना आयोग ने उपजिलाधिकारी संडीला पर आयोग के आदेशों की अवहेलना करने का दोषी ठहराते हुए उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20(1) के तहत पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयोग ने अपने फैसले में रजिस्ट्रार को जुर्माने की वसूली एसडीएम संडीला के वेतन से दो समान किस्तों करने का आदेश दिया है।

बताते चलें कि संडीला तहसील के अंतर्गत विकासखण्ड कछौना के निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सुधीर शुक्ला ने जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत 05 जुलाई,2019 को 'सार्वजनिक भूमि का विवरण/अवैध कब्जे/पट्टे, गौशालाओं का विवरण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि व संडीला तहसील में तहसील दिवस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण आदि के संबंध में' आठ बिंदुओं पर उपजिलाधिकारी/जन सूचना अधिकारी संडीला से सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन किया था। अपीलार्थी को उसके मूल आवेदन पत्र के क्रम में वांछित सूचनाएं निर्धारित समयावधि में उपलब्ध नहीं कराई गई। जिस पर अपीलार्थी ने संबंधित एसडीएम संडीला/जनसूचना अधिकारी द्वारा अपुष्ट व भ्रामक सूचना देने तथा तय समयावधि में सूचना ना देने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की थी जहां निस्तारण ना होने पर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में अपना वाद दायर किया था जिसके उपरांत उभयपक्ष को आयोग की ओर से नोटिस जारी की गई थी। उक्त प्रकरण(अपील संख्या- एस3-67/A/2020) की सुनवाई कर रहे राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही द्वारा एसडीएम संडीला को अपना पक्ष रखने के लिए आयोग में तलब करने के बाद भी उनकी ओर से उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई जिसपर राज्य सूचना आयुक्त ने अपीलार्थी को वांछित सूचनाएं ससमय उपलब्ध ना कराने, आयोग के समक्ष पेश ना होने व आयोग के आदेशों की अवहेलना करने का दोषी मानते हुए आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत उपजिलाधिकारी संडीला के विरुद्ध 25000 रुपए का जुर्माना ठोकते हुए उनके वेतन से जुर्माने की धनराशि वसूलने का आदेश दिया है। राज्य सूचना आयोग की यह कार्रवाई पूरे जनपद में चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस संबंध में संबंधित आवेदक सुधीर शुक्ला ने राज्य सूचना आयोग की इस कार्रवाई को लेकर धन्यवाद ज्ञापित किया है। विशेष बातचीत में सुधीर शुक्ला ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सूचनाधिकार अधिनियम के उचित क्रियान्वयन में शिथिलता बरती जा रही है, आयोग द्वारा की गई ऐसी कार्रवाई निश्चित ही जनसूचना अधिकारियों को यह संदेश देने का काम करेगी कि आरटीआई अधिनियम में लापरवाही बरतना उन्हें मंहगा पड़ सकता है। वहीं उपजिलाधिकारी संडीला देवेंद्र पाल सिंह से उनका पक्ष जानने पर उन्होंने बताया कि इस संबंध में अभी उन्हें कोई जानकारी नही है।