कवि सम्मेलन में कवियों ने बाधा समां

in #hardoi2 years ago

IMG-20220816-WA0006.jpgआजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत नगर के पिहानी पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से ऐसा समां बांधा की श्रोता देर रात तक अपनी कुर्सियों पर डटे रहे।कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्याम प्रकाश व विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख पिहानी कुशी बाजपेई ने मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया।कवि सम्मेलन की शुरुआत गीतकार पवन प्रगीत की वाणी वंदना से हुई। युवा कवि विशाल रस्तोगी ने "पेट सिखा देता है दर्द में मुस्कुराना हुनर,मैंने उस मदारी को तमाशा खूब करते देखा है"कविता पढ़ वाहवाही लूटी।शायर सलमान जफ़र ने "मेरे सजदों के निशां गौर से देखे कोई,नक्शा-ए-हिन्द छपा है मेरी पेशानी पर" गज़ल पढ़ वाहवाही लूटी।ओजकवि राजेश बाबू अवस्थी की रचना "किसी हाल में भारत माँ की शान नहीं जाने देंगे,जाया वीर बांकुरों का बलिदान नहीं जाने देंगे।"पर पूरा पांडाल भारत माता के जयघोष से गूंज उठा।विमल शुक्ल ने 'आजादी का अमृत महोत्सव घर घर अलख जगायेगा,बच्चा बच्चा थाम तिरंगा अम्बर तक लहराएगा'कविता पढ़ तालियां बटोरी।
संचालन कर रहे कवि अजीत शुक्ल की कविता"न ही भूखा मिले न ही दंगा मिले।हो अमन चैन दिल में दंगा मिले।राष्ट्रभक्तों तुम्हारी छतों पर हमें, धर्मध्वज की जगह पर तिरंगा मिले"काफी सराही गई।प्रियंक दीक्षित ने "इसपे रुतबा और रौब फबता है,नया भारत है अब नही यह दबता है"कविता पढ़ी।पवन प्रगीत ने "राष्ट्रप्रेम का स्वर हर दिल में गूंजेगा, हिंदी हिंदुस्तान बढ़ेगा देखोगे'गीत पढ़ समां बांधा।शायर जमाल शाहनवाज ने"मैं खुशबू हूँ मुझे अक्सर विखरना रास आता है" शायरी पढ़ी। शायर कामिल अमान ने"पूरा हिंदुस्तान हमारा है,तुमको कश्मीर नहीं देंगे।"शायरी पढ़ समां बांधा।कार्यक्रम आयोजक अवधेश रस्तोगी ने आये हुए अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया।