बेलन चिमटा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची रसोइया 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन

in #hardoilast year

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हरदोई:- संयुक्त रसोईया मोर्चा के बैनर तले रसोइयों ने जिला मुख्यालय पर अनोखा प्रदर्शन करते हुए बेलन व चिमटा लेकर धरना दिया और पांच माह का रुका हुआ मानदेय दिलाने की मांग की।इस दौरान रसोइयों ने हाथों में बेलन और चिमटा लेकर कहाकि मानदेय न मिलने पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में रसोइयों की भीड़ जमा होने लगी और यह प्रदर्शन खास इसलिए दिखने लगा क्योंकि प्रत्येक रसोइया अपने हाथ में बेलन और चिमटा लिए आक्रोशित होकर नारेबाजी कर रही थीं।रसोइयों को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री/जिलाध्यक्ष रामकुमार गौतम ने कहा कि अप्रैल माह से सितंबर तक का रसोइयों का मानदेय नहीं मिला है जो दिलाया जाए।कहा कि अधिकारी एक हजार रुपये चाय नाश्ता के लिए एक दिन में खर्च कर देते हैं लेकिन वह गांव के स्कूल में खाना बनाने वाली रसोइया का मानदेय नहीं देते जिससे रसोइयां भुखमरी की कगार पर पहुंच रही हैं। अब लड़ाई आर-पार की होगी।
मुख्यमंत्री को संबोधित दिए गए ज्ञापन में 8 सूत्रीय मांगों को शामिल किया गया है।इसमें कहा गया है कि जनपदों में रसोइयों को अग्निशमन यंत्र चलाने व आग बुझाने का प्रशिक्षण अतिशीघ्र दिया जाए जिससे आग की घटनाओं पर रोक लग सके।इसके साथ यह भी कहा कि विद्यालय में किसी घटना में जलने पर रसोईया को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य चिकित्सा का लाभ व मृत्यु होने पर परिवार को 50 लख रुपए का क्षतिपूर्ति मुआवजा व किसी एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने का प्रावधान किया जाए।कहा कि जनपद सुल्तानपुर कुशीनगर गोंडा महाराजगंज में रसोईया चयन संबंधी निकाले गए विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।विद्यालय में छात्र संख्या कम होने पर रसोइयों को न हटाया जाए जो हटाए गए हैं उन्हें पुनः कार्य पर वापस लिया जाए।ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि रसोईया को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए उनकी सेवा नियमावली बनाई जाए जिससे रसोईया का भविष्य सुरक्षित हो व राज्य व केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत रसोईया को 10 हजार प्रतिमा दिया जाए। रसोईया को 5 लाख का स्वास्थ्य चिकित्सा का बीमा लाभ देने के लिए रसोईया को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा 29 दिसंबर 21 को दी गई है जिसे शासन आदेश जारी किया जाए।