ईमान बेचने वालों ने किया मासूम की मौत का सौदा

in #hardoi2 years ago

हरदोई। पोस्टमार्टम हाउस की हरकत एक बार फिर सामने आ गई। ईमानदार कहे जाने वालों ने एक बार फिर अपने ईमान का सौदा कर डाला। गलत इंजेक्शन लगाने वाले झोलाछाप को बचाने के लिए 'इधर की ईंट, उधर का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा' वाली कहावत को अमली जामा पहनाते हुए आखिरकार मासूम की मौत के ज़िम्मेदार को क्लीन चिट दे दी गई है। हालांकि महकमें के ज़िम्मेदार पहले की तरह अब भी पोस्टमार्टम हाउस की टीम को बेदाग़ बताने से नहीं चूकेंगे।

मामला बिलग्राम कोतवाली के चिरंजूपुरवा मजरा कटरी बिछुआ निवासी दिनेश कुमार के दो वर्षीय मासूम बेटे यश कुमार को बुखार आ रहा था। मंगलवार को वह ज़फरपुर में एक मेडिकल स्टोर पर दवा लेने पहुंचा। पुलिस को दी तहरीर में दिनेश ने कहा है कि मेडिकल स्टोर चलाने वाले झोलाछाप ने उसके बेटे के इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन के लगते ही यश की तबियत बिगड़ने लगी। इसके कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया। यश की मौत होते ही झोलाछाप वहां अपनी दुकान बंद कर कही फरार हो गया।इसी के बाद से पोस्टमार्टम हाउस में अंदर से ले कर बाहर तक उसी झोलाछाप को बचाने की कवायद शुरू हो गई।

बुधवार को कुछ खास मेडिकल स्टोर वालों ने सौदेबाज़ी का खेल खेलना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं 11 हज़ार से शुरू हुई बोली कुछ ही देर में 50 हज़ार तक पहुंच गई। जानकारों के मुताबिक इतने पर ही सौदा 'डन' हो गया। इसके बाद मासूम की मौत की काज़ अॉफ डेथ वाले कालम में 'बिसरा प्रज़र्व' लिख कर झोलाछाप को आसानी से क्लीन चिट दे दी गई। इसके बाद'कब बाबा मरै,कब बैल बिकाएं' वाली कहावत को बीच में ला कर सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उधर मासूम यश के घर वालों का कहना है कि उन्हें पहले ही खेल होने का शक था, लेकिन नक्कार खाने में तूती की आवाज़ कौन सुनता है, उन्होंने यही सोंच कर फिलहाल चुप रहना ही मुनासिब समझा। आगे इस मामले को मुख्यमंत्री तक ले जाने की बात भी कही है।