हाकिमों की गुलामी में जुटे अधिकांश सफाईकर्मी, कैसे हो गांवों की सफाई?
हरदोई। सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में स्वच्छ भारत मिशन अभियान है, ये अभियान तभी सार्थक हो सकता है जब सफाईकर्मियों को उनका काम करने दिया जाए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे हरदोई जनपद में सैकड़ों की संख्या में सफाईकर्मी प्रशासनिक अधिकारियों के निजी चपरासी बनकर काम कर रहे हैं। शासन की मंशा के विपरीत इस जिले में सैकड़ों की तादात में सफाईकर्मियों का अटैचमेंट किया गया है, इनमें से कई सफाईकर्मी तो महत्वपूर्ण दफ्तरों में बाबू की भूमिका निभा रहे हैं।
यही कारण है कि गांवों में कई वर्षों से सफाईकर्मी देखने को नही मिले हैं। कीचड़ से बजबजाती नालियां स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोल रही हैं। जिले के कोथावां ब्लॉक के कई प्रधानों ने लिखित रूप से सीडीओ को पत्र लिखकर सफाईकर्मियों की मांग भी की, पर जिम्मेदारों ने कोई ध्यान नही दिया। सफाईकर्मियों के अभाव में गांव ही नही शहर में भी गंदगी का अंबार बढ़ता जा रहा है। जिले के आला हाकिमों के दफ्तर के बाहर बने प्रशाधन से निकलने वाली बदबू अधिकारियों की लापरवाही बयां कर रही है। ऐसे में शासन को स्वच्छता के प्रति कड़ा रुख अख्तियार करने की जरूरत है।