निस्वार्थ भक्ति से होती है परमात्मा की प्राप्ति -प्रणवपुरी महाराज

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पाली । IMG-20221103-WA0011.jpgजिस जीव को ईश्वर की भक्ति प्राप्त हो जाये वह जन्म मरण के बंधन से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता हैं। परमपिता परमेश्वर की भक्ति उसी को प्राप्त होती हैं जिस पर भगवान की कृपा होती हैं। निश्चल और निस्वार्थ भक्ति से जीव परमात्मा को प्राप्त कर सकता हैं। ध्रुब और प्रह्लाद जैसे भक्तों ने भक्ति के बल पर ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया था। यह बातें मध्यप्रदेश उज्जैन से आये कथा व्यास 1008 श्री प्रणवपुरी जी महाराज ने पाली नगर में चल रहे पांच दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में श्री रामकथा के चौथे दिन गुरुवार को राम कथा सुनाते हुए कहीं। उन्होंने ज्ञान अमृत की बर्षा करते हुए कहा कि इंसान को भगवान से सुख, संपत्ति और ऐश्वर्य नहीं मांगना चाहिए। यह भौतिक सुख तो क्षणिक मात्र हैं। भगवान से हमेशा परमात्मा की भक्ति ही मांगे। जिससे मनुष्य का उद्धार हो सके। कमेटी आयोजक ने बताया शनिवार को पूर्णाहुति के साथ यज्ञ सम्पन्न होगा। उसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन होगा।