क्या सरकार के पास राजमार्गों की समस्याओं पर कोई ठोस नीति है - बालासाहेब थोरात

in #hardoi2 years ago

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मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर भी लेन अनुशासन का पालन नहीं!

मुंबई :
राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं के प्रकार गंभीर हैं और राजमार्गों पर वाहन चलाते समय कोई अनुशासन नहीं है और कुछ राजमार्गों की स्थिति बहुत खराब है। नाशिक से मुंबई का सफर सिर्फ 3 घंटे का है लेकिन हाईवे खराब होने के कारण 6 घंटे का समय लगता है। यह ध्यान में रखते हुए कि इससे दुर्घटनाएं होती हैं, क्या राज्य सरकार के पास राजमार्ग के संबंध में कोई ठोस नीति है? या इस बारे में कोई फैसला होने जा रहा है? यह सवाल महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने पूछा है।

विधायक विनायक मेटे की आकस्मिक मृत्यु पर चर्चा में भाग लेते हुए बालासाहेब थोरात ने खराब हाईवे और इसके माध्यम से खतरनाक यात्रा पर सवाल उठाए। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर दिख रहा है अनुशासनहीन यातायात, अनुशासन का पालन नहीं भले ही आप सुरक्षित रूप से गाड़ी चला रहे हों, हो सकता है कि आपके सामने वाला व्यक्ति उसी तरह से गाड़ी न चला रहा हो। इससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इस पर सरकार की कोई ठोस नीति होनी चाहिए। जन जागरूकता के साथ-साथ प्रशिक्षण, सड़क व्यवस्था भी समान रूप से महत्वपूर्ण होनी चाहिए। हाईवे पर बने गड्ढों को भरा जाए। नाशिक-मुंबई राजमार्ग का उदाहरण लें तो इन सड़कों पर गाड़ी चलाते समय टायर फटने के साथ एक बहुत ही खराब सड़क है। तो 3 घंटे की यात्रा में 6 घंटे लगते हैं। यात्रा भी जीवन को हाथ में लेकर ही करनी पड़ती है। इन राजमार्गों पर टोल वसूला जाता है लेकिन सड़कों की गुणवत्ता, इसके रखरखाव की उपेक्षा की जाती है। बालासाहेब थोरात ने कहा कि राज्य सरकार को इस मुद्दे को देखना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या कोई निश्चित नीति है।

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