जिले में लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप कम

in #hanumangarh2 years ago
  • घटा ग्रसित गोवंश की मौत का आंकड़ा
    हनुमानगढ़। जिले में लम्पी स्किन डिजीज का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब हालात सामान्य होते जा रहे हैं। इस बीमारी से ग्रसित गोवंश की मौत का आंकड़ा भी काफी हद तक कम हो गया है। अब रोजाना करीब 10 से 20 के बीच गोवंश की मौत हो रही है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. ओमप्रकाश किलानिया ने बताया कि जिले में गोवंश की कुल संख्या 6 लाख है। जबकि 3 लाख भैंसें हैं। जिले में लम्पी स्किन डिजीज का काफी प्रकोप देखने को मिला। अब तक पशुपालन विभाग की ओर से साढ़े पांच लाख गोवंश का सर्वे करवाया जा चुका है। उसमें से 73 हजार 49 गोवंश लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित पाए गए। इसमें से 68 हजार 826 का उपचार करवाया। इसमें से 40 हजार 193 गोवंश ठीक हो चुका है। अब तक का आंकड़ा देखें तो 3 हजार 94 गोवंश की मृत्यु हो चुकी है। वर्तमान में भी गोवंश का उपचार किया जा रहा है। मृत्यु दर सामान्य है। रोजाना 10 से 20 गोवंश की मृत्यु हो रही है। कमजोर गोवंश की इस बीमारी से मौत हो रही है। गोशालाओं में स्थिति बेहतर है। जिले में 278 गोशालाएं संचालित हैं। इनमें एक लाख 9 हजार गोवंश संधारित है। अब तक गोशालाओं में करीब एक हजार गोवंश की मृत्यु हुई है। अब स्थिति सामान्य है। रोग का प्रकोप पहले से काफी कम हो गया है। बीमार गोवंश को अलग रखा जा रहा है। जिन गोवंश का उपचार किया जा रहा है उनमें से करीब 80-90 प्रतिशत गोवंश रिकवरी की स्टेज पर है। ध्यान देने की बात यह है कि मृत गोवंश का पर्याप्त व वैज्ञानिक तरीके से दफनाएं। इसमें स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायत की मदद लें। उन्होंने बताया कि विभाग के पास जैसे ही कंट्रोल रूम या नोडल अधिकारी या सीधे पशु चिकित्सक के पास सूचना पहुंचती है तो पशु चिकित्सक या उसका कम्पाउडर मौके पर जाकर गोवंश का उपचार करता है। पशु की मौत होने पर रिपोर्ट भी की जाती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की तरफ से महामारी घोषित होने के बाद ही पशुपालकों को मुआवजा मिलना संभव है। इसके लिए राज्य सरकार से निवेदन किया जाएगा।
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