- नगर परिषद को ठहराया जिम्मेदार
- प्रभावित किसानों ने प्रशासन व नगर परिषद से लगाई पानी निकासी की व्यवस्था करने की गुहार
हनुमानगढ़। दो दिन पहले हुई भारी बारिश राहत के साथ आफत भी बन गई। भारी बारिश के कारण कई लोगों को नुकसान भी झेलना पड़ा। टाउन की बरकत कॉलोनी में सिंघाड़े के खेत में पूरे शहर का बरसाती पानी भर गया। पूरी फसल पानी में डूब गई। इससे किसानों को लाखों का नुकसान होने की आशंका है। प्रभावित किसानों ने इसके लिए नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराते हुए पानी निकासी की व्यवस्था करवाने की गुहार लगाई। रामभुल कश्यप ने बताया कि वह करीब 50 वर्षांे से बरकत कॉलोनी की बिहारी बस्ती में भटनेर किले के पास सिंघाड़े की खेती कर रहा है। सिंघाड़े की खेती पूरे साल की मेहनत है लेकिन नगर परिषद की लापरवाही के कारण आज उसकी मेहनत मिट्टी में मिल रही है। करीब एक माह बाद सिंघाड़ा बनकर तैयार होना था। लेकिन नगर परिषद की लापरवाही के कारण अब उसकी सिंघाड़े की फसल पूरी तरह बरसाती पानी में डूब चुकी है। जमीन में करीब 15 फीट पानी भर गया है। अब इतना अधिक पानी निकालने में असमर्थ है। उसका करीब आठ लाख रुपए का नुकसान हो गया है। वह आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं है कि इस नुकसान की भरपाई कर सके। रामभुल कश्यप ने बताया कि नगर परिषद की ओर से मुखर्जी कॉलोनी व दशहरा ग्राउंड से होते हुए बनाए गए खाले का पानी बिहारी बस्ती में एकत्रित होता है। खाले का साइज काफी छोटा है। इस कारण यह खाला हर साल मानसून की बारिश में ओवरफ्लो हो जाता है। इसका खामियाजा किसानों को नुकसान झेलकर उठाना पड़ता है। इस साल उसने भी यह नुकसान झेल लिया है। उन्होंने बताया कि कर्ज उठाकर खेती की जाती है। वह अब तक करीब 50 हजार रुपए की लेबर लगा चुका है। खाद-पानी, बिजाई आदि मिलाकर करीब एक लाख रुपए का खर्च आ चुका है। रामभुल कश्यप ने प्रशासन और नगर परिषद से गुहार लगाई कि उसकी फसल में भरे पानी की निकासी करवाई जाए ताकि वह अपनी फसल की पैदावार कर सके। साथ ही पानी से हुए नुकसान की भरपाई की जाए। वहीं महेन्द्र कश्यप ने बताया कि वह पांच बीघा जमीन ठेके पर लेकर सिंघाड़े की खेती करता है। हर साल शहर का बरसाती पानी उसकी फसल में भर जाता है। लेकिन उन्हें नुकसान का मुआवजा तक नहीं दिया जाता। पानी भरने से सिंघाड़े की फसल गलनी शुरू हो चुकी है। नगर परिषद की लापरवाही के कारण फसल में बरसाती पानी भरने से उसका करीब 4-5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा आसपास के धान के खेतों में भी पानी भर गया है। धान की फसल पूरी तरह डूब चुकी है। महेन्द्र कश्यप ने भी प्रशासन से नुकसान की भरपाई करने की मांग की। इसके अलावा वासुदेव पुत्र लोचन साहनी के खेत में लगी भिंडी के खेत में बरसाती पानी भर गया।
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