निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लेकर भाजपा ने की पत्रकार वार्ता*

in #gunaobc2 years ago

IMG-20220513-WA0142.jpg गुना। स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग ओबीसी के आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी की अति महत्वपूर्ण पत्रकार वार्ता स्थानीय सर्किट हाउस गुना में संपन्न हुई पत्रकार वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिकरवार द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा कर अपनी बात रखी। पत्रकारवार्ता में गुना विधायक गोपीलाल जाटव, पूर्व जिला अध्यक्ष हरिसिंह सिंह यादव, जिला महामंत्री दोय गिर्राज भार्गव, हेमराज किरार, जिला उपाध्यक्ष संतोष धाकड़, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली, अमित श्रीवास्तव सहित अन्य भाजपा जन मोजूद रहे। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण करने के संबध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मध्यप्रदेश सरकार पारित आदेश में संशोधन का आवेदन दायर करके पुन: अदालत से आग्रह करेगी कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न हो। बिना ओबीसी आरक्षण के नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए जाने की वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। मध्यप्रेदश में तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी एवं सरकार द्वारा इसके अंतर्गत बार्ड परिसीमन, बार्डो का आरक्षण, महापौर तथा अध्यक्ष का आरक्षण, मतदाता सूची तैयार करना आदि समस्त तैयारी कर ली गई थी। यहां तक कि ओबीसी एवं अन्य उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भी दाखिल कर दिया गया था, किंतु कांग्रेस इसके विरुद्ध हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे होने वाले चुनाव प्रभावित हुए एवं व्यवधान उत्पन्न हुआ।
पंचायत चुनाव का एक अरसा बीत गया है।और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को वर्गों के विबाद घसीटने की आवश्यकता नहीं है। माननीय न्यायालय का आदेश भारतीय जनता पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरा करेगी। संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। सरकार चाह रही है कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दिया जाए। लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अपने अपने ब्यान दे चुके है। ।उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को वर्गों के विबाद में घसीटने की जरूरत नहीं है। पंचायत चुनाव को एक अरसा बीत गया है।ऐसे में उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार संविधान दायरे चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।इसके साथ उन्होंने कहा कि बीजेपी में सबसे ज्यादा हरिजन आदिवासी और ओबीसी के सबसे ज्यादा जनप्रतिनिधि है। भाजपा ने प्रदेश में वर्ष 2004 से लगातार 3 अन्य पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री प्रदेश को दिए। मंत्रिमंडल में भी ओबीसी के मंत्रियों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व /स्थान दिया गया है।